शिवहर कृषि विज्ञान केंद्र ने क्लस्टर अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के तहत बायोफॉर्टिफाइड गेहूं की वैज्ञानिक खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। ‘कृषि तकनीकों को अपनाएं किसान’ कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी ने किया। उन्होंने किसानों को बायोफॉर्टिफाइड गेहूँ की विशेषताओं, इसकी पोषणात्मक गुणवत्ता और वैज्ञानिक विधि से उच्च उत्पादन प्राप्त करने के तरीकों की विस्तृत जानकारी दी। डॉ. कुमारी ने बताया कि आधुनिक कृषि तकनीक अपनाकर किसान कम लागत में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. संचिता घोष ने बीजोपचार के महत्व पर विस्तृत चर्चा की और बीजोपचार की विभिन्न विधियों और आवश्यक सावधानियों का प्रदर्शन भी किया। बीज का हुआ वितरण प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, उपस्थित किसानों को गेहूँ की बायोफॉर्टिफाइड प्रजाति ‘डीबीडब्ल्यू 187 (कर्णबंधना)’ के बीज वितरित किए गए। यह प्रजाति अधिक पोषक तत्वों से युक्त होने के साथ-साथ बेहतर उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है। शंभू सिंह, रोहित कुमार, प्रमिला देवी, मुन्ना कुमार, अवधेश महतो, राहुल कुमार सिंह सहित कई चयनित किसानों को प्रदर्शन हेतु बीज और खरपतवारनाशी पेडमेथालीन प्रदान किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र की प्रतिबद्धता कृषि विज्ञान केंद्र, शिवहर किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराकर कृषि को अधिक लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ।
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