शिवहर जिले में कृषि इनपुट अनुदान योजना के नाम पर साइबर ठगी का एक नया मामला सामने आया है। पिपराही के किसान गणेश महतो से खुद को किसान सलाहकार बताकर ठगों ने ऑनलाइन 17,000 रुपए की धोखाधड़ी की। पीड़ित किसान गणेश महतो को एक कॉल आया। कॉलर ने खुद को कृषि विभाग का सलाहकार बताया और कहा कि कृषि इनपुट अनुदान की राशि जारी की जा रही है। उसने किसान को बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए ‘वेरिफिकेशन शुल्क’ जमा करना होगा, जिसके बाद उन्हें 80 हजार रुपए का लाभ मिलेगा। ठग ने किसान का विश्वास जीतने के लिए योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी और जल्द ही अनुदान राशि मिलने का भरोसा दिलाया। कुछ ही मिनटों के भीतर, ठग ने किसान को अलग-अलग ऑनलाइन भुगतान माध्यमों से पहले 9,000 रुपए और फिर 8,000 रुपए भेजने का निर्देश दिया। राशि भेजने के बाद जब किसान को कोई अपडेट नहीं मिला, तो उसने दोबारा उसी मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की। शुरुआत में फोन नहीं उठाया गया, लेकिन लगभग एक घंटे बाद जब फोन उठा, तो ठग ने शाम 5 बजे तक पैसे वापस करने का वादा किया। इसके बाद किसान गणेश महतो ने स्थानीय साइबर थाने में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। साइबर थाना के प्रभारी एसडीपीओ सुशील कुमार लगातार साइबर अपराध के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा अगर किसी भी किसान के पास ऐसा कोई फोन आता है तो वो तत्काल कार्यालय पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराए। पीड़ित किसान ने पिपराही किसान भवन पहुंचकर कृषि सलाहकार मुकेश कुमार को भी इस घटना की जानकारी दी। कृषि सलाहकार मुकेश कुमार ने स्पष्ट किया कि विभाग की ओर से कृषि इनपुट योजना के लिए कोई कॉल नहीं की जाती है और इस योजना में किसी को भी कोई राशि नहीं देनी होती है। उन्होंने बताया कि अनुदान का पैसा सीधे किसान के खाते में आता है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि यदि इस तरह का कोई कॉल आता है, तो पहले अपने कृषि सलाहकार से संपर्क कर जानकारी सत्यापित करें।
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