शिवहर कृषि विज्ञान केंद्र में उद्यानिक फसलों की संरक्षित खेती पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ है। इस प्रशिक्षण का संचालन कृषि वैज्ञानिक डॉ. संचिता घोष कर रही हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को हाईटेक नर्सरी, पॉलीहाउस, नेट हाउस और संरक्षित फूलों व सब्जियों की खेती के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. घोष ने बताया कि शिमला मिर्च और खीरा के अलावा, गुलाब, जरबेरा, एंथुरियम और ऑर्किड जैसे फूल संरक्षित खेती के लिए उपयुक्त हैं। उन्होंने मिट्टी की तैयारी, पौधा लगाने और उनके उचित देखभाल के तरीकों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। अधिक मुनाफा कमाने के लिए वैज्ञानिक विधियों के उपयोग पर जोर प्रशिक्षण के दौरान डॉ. सौरभ शंकर पटेल ने पॉलीहाउस, नेट हाउस, डीप इरिगेशन, ड्रिप स्प्रिंकलर और यांत्रिकीकरण का उपयोग कर खेती करने के तरीके समझाए। उन्होंने कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने के लिए वैज्ञानिक विधियों के उपयोग पर जोर दिया। कृषि विज्ञान केंद्र से पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिवहर जिले में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर शिमला मिर्च की खेती की जा रही है। वर्तमान प्रशिक्षण में विशंभरपुर, मीनापुर बलहा, रेवासी, शिवहर, फतेहपुर और माधोपुर छाता सहित विभिन्न गांवों के 30 ग्रामीण युवक-युवतियों ने भाग लिया। उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से खेती करने में गहरी रुचि दिखाई। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से ग्रामीण युवा लगातार नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में केंद्र के कर्मचारी कमलेश कुमार और गोपाल कुमार भी उपस्थित रहे।
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