मुजफ्फरपुर की विशेष पॉस्को कोर्ट ने 11 साल पुराने मामले में एक शिक्षक वरुण कुमार को दोषी ठहराया है। टीचर को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्र ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने दोषी शिक्षक पर पांच हजार रुपए का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला 7 अक्टूबर 2014 का है। उस समय छह साल की स्टूडेंट के पिता ने मुजफ्फरपुर के सकरा थाने में शिक्षक के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई थी। ‘बैड टच’ करता था टीचर पिता ने अपनी शिकायत में बताया था कि वैशाली के गोरौल थाना क्षेत्र के मधुरापुर निवासी वरुण कुमार, जो उस समय सकरा थाना क्षेत्र स्थित अपने ननिहाल में रहकर स्टूडेंट को ट्यूशन पढ़ाता था, पढ़ाने के दौरान छात्रा के साथ अभद्र व्यवहार और ‘बैड टच’ करता था। छात्रा की मां के बयान के अनुसार, शिक्षक ने उनकी बेटी के पूरे शरीर को गलत इरादे से छुआ था। जब इस घटना की शिकायत शिक्षक के ननिहाल वालों से की गई, तो उन्होंने शिकायतकर्ताओं के साथ अभद्रता की और उन्हें धमकी भी दी। पुलिस ने मामले की जांच के बाद 29 फरवरी 2016 को शिक्षक के खिलाफ विशेष कोर्ट में अंतिम आरोप पत्र (चार्जशीट) दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक (पॉस्को) नरेंद्र कुमार ने कोर्ट में आठ गवाह पेश किए, जिनके बयानों और एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने वरुण कुमार को दोषी करार दिया और सजा सुनाई।
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