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शहाबुद्दीन की तरह खत्म होगा रीतलाल का ‘साम्राज्य’:ED केस में जेल से निकलना मुश्किल, संपत्ति होगी अटैच, लालू के करीबी बाहुबली का क्या होगा

राजधानी पटना के एक हिस्से (दानापुर) में घर बनाना हो, जमीन खरीदनी हो या किसी प्लॉट पर ईंट भी रखनी हो… पूर्व विधायक रीतलाल यादव के बिना ना शुरू हो सकती है और ना पूरी। वह अपने भाई, साले और समर्थकों के साथ संगठित रूप से गिरोह चलाते हैं। वसूली करते हैं। यह बातें पटना पुलिस ने अपनी फाइल में लिखी है और केस ED को ट्रांसफर कर दिया है। मतलब अब इस मामले में ED की एंट्री होगी। रीतलाल को लालू प्रसाद यादव का करीबी माना जाता है। इतना करीबी कि खुद लालू उन्हें चुनाव जिताने दानापुर पहुंचे थे। 15KM लंबा रोड शो किया था, लेकिन जीत नहीं दिला पाए। ED की एंट्री के बाद क्या दानापुर का यह ‘अनलिखा सिस्टम’ खत्म होगा? और सबसे बड़ा सवाल रीतलाल के करोड़ों की संपत्ति का क्या होगा? जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में…। सवाल-1ः रीतलाल यादव के खिलाफ पटना पुलिस ने क्या चार्जशीट दाखिल की है? जवाबः बिल्डर कुमार गौरव से 50 लाख रुपए की रंगदारी मांगने और नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने के मामले में रीतलाल भागलपुर जेल में बंद हैं। बिल्डर ने खगौल थाने में 10 अप्रैल 2025 को केस दर्ज कराया था। जांच में यह खुलासा हुआ कि रीतलाल संगठित आपराधिक गिरोह चलाते हैं। इसके बाद पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर खगौल थाने में एक और केस दर्ज किया गया। उसी केस की जांच के सिलसिले में पुलिस ने रीतलाल को 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा किया है। पुलिस ने रीतलाल और उनके गिरोह के अन्य आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर की है। साथ ही अपनी जांच रिपोर्ट ED को भेज दी है। सवाल-2ः पटना पुलिस की रिपोर्ट में क्या-क्या कहा गया है? जवाबः पटना पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक… सवाल-3ः ED रीतलाल पर किस एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकती है? जवाबः पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट हर्षवर्धन बताते हैं, ‘पुलिस की रिपोर्ट पर ED मनी लॉन्ड्रिंग की धारा में केस दर्ज करेगी और जांच करेगी। चूंकि मामला आपराधिक गिरोह के जरिए पैसे कमाने और दूसरे राज्यों में निवेश करने का है तो जांच एजेंसी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई करेगी।’ PMLA एक्ट क्या है…? सवाल-4ः रीतलाल की संपत्ति का क्या होगा? उसे कितनी सजा हो सकती है? जवाबः सीनियर एडवोकेट हर्षवर्धन बताते हैं, ‘ED मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में केस दर्ज करेगी। इसमें अवैध तरीके से कमाई गई संपत्ति को अटैच कर दिया जाता है। इसमें रीतलाल को बताना पड़ेगा कि संपत्ति इनलीगल तरीके से नहीं बनाई गई है। अगर वह नहीं बता पाएंगे तो पूरी संपत्ति सरकारी हो सकती है।’ मतलब जांच एजेंसी रीतलाल की संपत्ति को सील कर सकती है। 10 साल तक की सजाः हर्षवर्धन बताते हैं, ‘ED जब केस दर्ज करेगी तब पता चलेगा कि सजा कितनी हो सकती है। लेकिन PMLA एक्ट के तौर पर 10 साल तक सजा हो सकती है। ED केस में सजा से ज्यादा जमानत और संपत्ति को लेकर सख्ती है।’ जमानत मुश्किलः मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में जमानत की 2 सख्त शर्तें हैं। सवाल-5ः दानापुर से क्या खत्म होगा रीतलाल यादव का साम्राज्य?’ जवाबः RJD सुप्रीमो लालू यादव का रीतलाल यादव को करीबी माना जाता है। लालू यादव ने रीतलाल को जिताने के लिए 15 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था, लेकिन चुनाव हार गए। पुलिस की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि रीतलाल यादव दानापुर एरिया में अपना सिक्का चलाता था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 107 लगाया है। जिसमें क्रिमिनल एक्टिविटी से जुटाई गई संपत्ति को जब्त करने और कुर्क करने का अधिकार है। इसका मतलब हुआ कि ED के साथ-साथ पटना पुलिस की भी सख्ती बढ़ेगी।


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