भास्कर न्यूज| मोतिहारी मोतिहारी शहर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। मोतिहारी की हवा इसी खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है। गुरुवार को जहां शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 165 दर्ज किया गया था, वहीं सोमवार को यह बढ़कर 192 तक पहुंच गया। आने वाले समय में इसके और बढ़ने की संभावना है। पीएम 2.5 का स्तर 113.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया है। जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक श्रेणी में आता है। 0 से 50 तक का एक्यूआई अच्छा माना जाता है, जबकि 150 से ऊपर की स्थिति संवेदनशील समूहों के साथ आम नागरिकों के लिए भी खतरनाक होती है। शहर में खुले में हो रहे निर्माण के कारण धूलकण हवा में घुल रहा है। शहर में चांदमारी चौक पर रेल ओवरब्रिज, रेलवे परिसर में भवन सहित विभिन्न मुहल्लों में लगातार निजी भवनों के कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। शहर में धूलकण उड़ने वाली गतिविधियां प्रदूषण बढ़ाने का मुख्य कारण बनी हैं। निर्माण स्थलों पर मलबा, ईंट, सीमेंट और बालू की ढुलाई खुले में होने से धूलकण हवा में घुल रहे हैं। रेल ओवरब्रिज के पास सड़क कच्ची है। वाहनों के आवागमन में धूल उड़ती है। जिससे आसपास के लोगों को परेशानी होती है। निर्माण एजेंसी की ओर से पानी का छिड़काव कराया जाता है। लेकिन, इससे कुछ खास प्रभाव नहीं पड़ा है। धूल पर नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था नहीं इधर, नगर निगम की ओर से धूल पर नियंत्रण के लिए कोई प्रभावी व्यवस्था नजर नहीं आ रही। निगम की आेर से शहर में अबतक पानी का छिड़काव शुरू नहीं कराया गया है। इधर, निर्माण एजेंसी भी लापरवाही बरत रही है। शहर के मुख्य मार्गों और निर्माण स्थलों पर नियमित पानी का छिड़काव नहीं कराया जाता, जिसके कारण धूलकण हवा में लगातार तैरते रहते हैं। इससे राहगीरों, वाहन चालकों और आसपास रहने वालों को सांस लेने में परेशानी होती है। कई लोगों ने आंखों में जलन, सिरदर्द और थकान की शिकायत भी दर्ज कराई है।
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