DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए स्कूलों का फर्जीवाड़ा:बिहार में 158 सीबीएसई स्कूलों ने बनवाए फर्जी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट, बड़े स्कूल भी शामिल

बिहार के सीबीएसई स्कूल फर्जी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। भास्कर की पड़ताल में 158 ऐसे सीबीएसई स्कूलों का पता चला है जिन्होंने न सिर्फ फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया बल्कि उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड भी किया था। इनमें पटना के कई बड़े स्कूल भी हैं। पड़ताल के दौरान बड़े स्कूलों और फायर सर्विसेज के कुछ अफसरों के बीच नेक्सस का भी खुलासा हुआ। पता चला कि वैसे अफसर भी पटना के बड़े स्कूल को फायर सेफ्टी की क्लियरेंस दे रहे हैं जो अधिकृत ही नहीं हैं। सीबीएसई की गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों को फायर सेफ्टी ऑडिट करानी है और स्टेट या डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर से सर्टिफिकेट लेना है। सर्टिफिकेट को स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करना है। लेकिन पटना सहित 30 से अधिक जिलों में चल रहे सीबीएसई स्कूलों ने गाइड लाइन की खानापूर्ति के लिए फर्जी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट बनवा लिया। ​सिर्फ पटना जिला में दो दर्जन स्कूलों के फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। भास्कर ने जब फायर ब्रिगेड के आईजी से इसे साझा किया तो उन्होंने भी स्कूलों द्वारा बनाए गए फर्जी सर्टिफिकेट की पुष्टि की। यह भी पता चला कि कई स्कूलों ने फायर सेफ्टी ऑडिट ही नहीं कराई है। फर्जीवाड़ा कर रहे कुछ स्कूलों को फायर ब्रिगेड मुख्यालय की ओर से नोटिस भी जारी किया गया। इसके बाद कुछ स्कूलों ने नए सिरे से ऑडिट कराई है। वहीं 45 ऐसे स्कूलों को भी पता चला जिन्होंने नोटिस के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया। क्या है मामला: सीबीएसई की गाइड लाइन के अनुसार स्कूलों के लिए फायर सेफ्टी ऑडिट करवाकर उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना है। बिहार में ऐसे सैकड़ों स्कूल हैं जो इसका पालन नहीं कर रहे। 150 से अधिक स्कूलों ने खानापूर्ति के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनवाकर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। बिहार में सीबीएसई स्कूलों के लिए प्रत्येक वर्ष फायर सेफ्टी ऑडिट कराना अनिवार्य है। ऑडिट के लिए फायर ब्रिगेड को 14 से 20 हजार तक शुल्क देना होता है। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिहाज से सीबीएसई ने फायर सेफ्टी ऑडिट को अनिवार्य किया है। जो नहीं दे सकते वे भी बांट रहे सर्टिफिकेट वैसे अफसर भी फायर सेफ्टी क्लीयरेंस दे रहे हैं जो अधिकृत ही नहीं। लोदीपुर फायर स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन इंचार्ज अजीत कुमार ने वर्ष 2023 में पटना के सेंट माइकल स्कूल को सर्टिफिकेट दे दिया। भास्कर ने फायर सर्विसेज मुख्यालय से बात की तो पता चला कि यह वैध नहीं है। सर्टिफिकेट सिर्फ स्टेट फायर ऑफिसर या डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर ही दे सकते हैं। वहीं अजीत कुमार ने कहा कि सिस्टम में बदलाव होता रहता है और इसमें कोई समस्या नहीं है। वहीं, संत माइकल स्कूल के प्रिंसिपल फादर क्रिस्टो ने कहा कि जिस बिंदु की तरफ आपने मेरा ध्यान खींचा है मैं उसे वेरिफाई कराऊंगा। आईजी बोले-158 स्कूलों के सर्टिफिकेट जांच में गलत मिले बिहार में सीबीएसई स्कूलों को प्रत्येक वर्ष फायर सेफ्टी ऑडिट कराना है। जनवरी में हमने भी प्रमाणपत्रों की जांच की थी। 158 स्कूलों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए। स्कूलों को दो महीने का समय दिया गया था, अब तक 28% स्कूलों ने कोई जवाब नहीं दिया है। यह बच्चों की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है।-एम.सुनील कुमार नायक, आईजी, होमगार्ड एंड फायर सर्विसेज भास्कर एक्सपर्ट- विराग गुप्ता, सुप्रीम कोर्ट के वकील फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर अपलोड करना भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अनुसार गम्भीर अपराध है, जिसके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। फर्जीवाड़े से गाइडलाइन को पूरा करने वाले स्कूलों की मान्यता निलम्बित करने के लिए सीबीएसई को नियमों के अनुसार कार्रवाई करनी चाहिए। स्कूल 1300 से अधिक महज 74 ने अपलोड किए सर्टिफिकेट इनपुट के आधार पर भास्कर ने सीबीएसई स्कूलों की पड़ताल की। पता चला कि पटना जिला के दो दर्जन से अधिक स्कूलों ने फर्जी सर्टिफिकेट अपलोड किया था। इसमें कई बड़े स्कूल भी शामिल हैं। पड़ताल में पता चला कि 1305 स्कूलों में से 557 की वेबसाइट नहीं है। 346 की वेबसाइट वर्किंग नहीं है। मात्र 298 ने मैंडेट्री पब्लिक डिस्क्लोजर किया है। 450 के पास वेबसाइट है पर मेंडेट्री पब्लिक डिस्क्लोजर नहीं। 74 के फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट सही पाए गए जबकि 150 से अधिक स्कूलों ने फर्जी सर्टिफिकेट अपलोड कर दिया। 517 स्कूलों की वेबसाइट तो है लेकिन उनके पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट ही नहीं है।


https://ift.tt/259esiG

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *