सुपौल के हरदी दुर्गा स्थान, लोरिक धाम परिसर में प्रथम दिन मंगलवार की देर रात तक चले वीर लोरिक महोत्सव 2025 का शुभारंभ अत्यंत हर्षोल्लास एवं पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया। दीप प्रज्वलित कर प्रारंभ हुए इस भव्य उद्घाटन समारोह में जिले एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ वरीय प्रशासनिक अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशिष्ट अतिथियों में पिपरा विधायक राम विलास कामत, त्रिवेणीगंज विधायक सोनम रानी, बिहार विधान परिषद के सदस्य अजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी सावन कुमार, पुलिस अधीक्षक शरथ आर.एस, उप विकास आयुक्त सारा अशरफ, अपर समाहर्ता सच्चिदानंद सुमन तथा अनुमंडल पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार शामिल थे। स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति द्वारा किए गए कार्यों की सराहना इस अवसर पर विशेष कार्य पदाधिकारी (गोपनीय शाखा) विकास कुमार कर्ण, वरीय उप समाहर्ता मुकेश कुमार, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी तारकेश्वर पटेल सहित विभिन्न विभागों के कई पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणजन भी मौजूद थे। उद्घाटन के उपरांत जिलाधिकारी द्वारा वीर लोरिक धाम परिसर एवं महोत्सव स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा स्थानीय प्रशासन और आयोजन समिति द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। प्रसिद्ध गायक कृष्ण चंद्रवंशी ने गीत प्रस्तुत किए वीरता, परंपरा और लोकसंस्कृति की अनूठी पहचान बन चुके इस महोत्सव में पहले ही दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। क्षेत्रीय कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण के रूप में प्रसिद्ध गायक कृष्ण चंद्रवंशी ने अपनी मधुर आवाज़ में वीर लोरिक की शौर्यगाथा और ग्रामीण लोकजीवन पर आधारित गीत प्रस्तुत किए। उनकी ऊर्जावान प्रस्तुति के दौरान पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा और दर्शक मंत्रमुग्ध होकर झूमते नजर आए। सुप्रसिद्ध लोकगायिका अपूर्वा प्रियदर्शी ने भी किया परफॉर्म इसके बाद सुप्रसिद्ध लोकगायिका अपूर्वा प्रियदर्शी ने अपनी सुरीली आवाज़ में लोकरीतियों, परंपराओं और वीर लोरिक की अमर गाथा को स्वरबद्ध करते हुए कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को लोकसंस्कृति के गहरे रंगों से रूबरू कराया। उपस्थित लोगों ने तालियों और उत्साहपूर्ण प्रतिक्रियाओं से उनका भरपूर स्वागत किया। परंपरा, लोकनायकता और सांस्कृतिक गौरव को जन-जन तक पहुंचाना महोत्सव का उद्देश्य महोत्सव में क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक कलाओं और लोकगाथाओं को मंच देकर स्थानीय प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। पहले ही दिन मिले उत्साहपूर्ण प्रतिसाद से आयोजन समिति के सदस्यों में भी उत्साह देखने को मिला। इस तीन दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य वीर लोरिक की परंपरा, लोकनायकता और सांस्कृतिक गौरव को जन-जन तक पहुंचाना है। जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि आगामी दिनों में भी कई आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, गीत-संगीत और पारंपरिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों की सहभागिता की उम्मीद है। महोत्सव के चलते लोरिक धाम परिसर सांस्कृतिक उमंग, लोकसंगीत और ग्रामीण परंपरा की सुगंध से सराबोर हो गया है।
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