सिटी रिपोर्टर | गोपालगंज जिले में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इसके साथ ही शीतलहर का पहला चरण शुरू हो चुका है। बर्फीली हवाओं और घने कोहरे ने जनजीवन को बेपटरी कर दिया है। बुधवार को दिन भर धुंध छाई रही, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। हालांकि आम लोगों के लिए परेशानी बढ़ी है, लेकिन खेत-खलिहानों से किसानों के लिए राहत भरी खबर निकलकर आ रही है। शीतलहर और ओस की बूंदों ने रबी फसलों के लिए अनुकूल माहौल बना दिया है। खेतों में कुछ ऐसा नजारा है मानो जमीन से एक-दो फीट ऊपर ही आसमान उतर आया हो। धुंध और ओस की यह स्थिति गेहूं की फसल के लिए अमृत के समान साबित हो रही है। इससे गेहूं के पौधों में हरियाली बढ़ी है और बेहतर उत्पादन की आस जगी है। शुरुआती समय में ठंड कम होने से किसानों की उम्मीदें कमजोर पड़ने लगी थीं, लेकिन अब मौसम ने उनका साथ देना शुरू कर दिया है। उत्पादन को लेकर उम्मीद कृषि विभाग ने इस वर्ष जिले में 97 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई का लक्ष्य तय किया था। इसके सापेक्ष किसानों ने करीब 85 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। बीते चार दिनों से तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है, जो रबी फसलों के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है। विभाग ने इस बार जिले में 32 हजार 234 मीट्रिक टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है। यानी प्रति हेक्टेयर करीब 30 क्विंटल उत्पादन की संभावना जताई जा रही है। इन फसलों को भी लाभ शीतलहर का असर सिर्फ गेहूं तक सीमित नहीं है। दलहनी फसलें, मक्का और गन्ने की खेती में भी नमी बढ़ने से पौधों की ग्रोथ बेहतर होगी। कम तापमान में सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है और उर्वरकों के छिड़काव के बाद वाष्पीकरण की संभावना भी नगण्य रहती है। हालांकि पाला पड़ने की स्थिति में आलू, तिलहनी और पान की फसलों को नुकसान का खतरा रहता है। कृषि विशेषज्ञ सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि पाले से झुलसा रोग का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए मैन्कोजेब या एम-45 का घोल छिड़काव करने की सलाह दी गई है। ओस से दाने होंगे मजबूत : कृषि वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र पूसा के वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र प्रसाद के अनुसार, धुंध की स्थिति तब बनती है जब फसलों के नीचे की जमीन अपेक्षाकृत गर्म रहती है। सिंचाई या पहले गिरी ओस के कारण जमीन में बनी गर्मी भाप के रूप में ऊपर उठती है, जिससे धुंध नीचे नहीं बैठती। यह स्थिति गेहूं के लिए लाभकारी होती है। इससे पौधों की प्राकृतिक वृद्धि तेज होती है, कल्ले अधिक निकलते हैं और दाने सामान्य से बड़े व वजनदार बनते हैं। मौसम अलर्ट : अभी जारी रहेगा कोहरा मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जिले में धुंध और शीतलहर का असर अभी कुछ दिनों तक बना रहेगा। सुबह के समय दृश्यता बेहद कम रहेगी। सड़कों पर सावधानी बरतने की जरूरत है। जनवरी के पहले पखवारे तक सर्दी का प्रकोप जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।
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