अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को सात और देशों पर पूरी तरह से यात्रा पाबंदी लगा दी हैं। इसके साथ ही फिलिस्तीनियों पर भी बैन लगा दिया है। साथ ही 15 दूसरे देशों पर प्रवेश प्रतिबंध (स्थायी निवास) लगाए गए हैं। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक सुरक्षा, कमजोर जांच प्रणाली और वीजा ओवरस्टे की उच्च दरों का हवाला देकर उठाया गया है। इससे पहले 19 देशों पर पहले से ही यात्रा प्रतिबंध या प्रवेश सीमाएं लगाई गई थी। व्हाइट हाउस के फैक्ट-शीट के अनुसार, नए घोषणा में बुर्किना फासो, माली, नाइजर, साउथ सूडान और सीरिया पर पूरी यात्रा पाबंदी लगाई गई है। फिलिस्तीनियों पर भी पूरी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा, पहले आंशिक प्रतिबंध वाले लाओस और सिएरा लियोन पर अब पूरी पाबंदी लगा दी गई है। ये नए प्रतिबंध और सीमाएं 1 जनवरी से लागू होंगे। इससे पहले गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा था कि अमेरिकी प्रशासन वर्तमान यात्रा प्रतिबंध को 19 से बढ़ाकर 30 से अधिक देशों तक विस्तार करने की योजना बना रहा है। उस समय उन्होंने सटीक संख्या या देशों के नाम नहीं बताए थे। अमेरिका पहले से ही 12 देशों (अफगानिस्तान, बर्मा, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन) पर पूरी यात्रा पाबंदी लगा चुका है। नई घोषणा में 15 नए देशों (अंगोला, एंटीगुआ एंड बारबुडा, बेनिन, कोट डी’आइवोर (आइवरी कोस्ट), डोमिनिका, गैबॉन, गाम्बिया, मलावी, मॉरिटानिया, नाइजीरिया, सेनेगल, तंजानिया, टोंगा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे) पर आंशिक प्रवेश प्रतिबंध लगाए गए हैं। बुरींडी, क्यूबा, टोगो और वेनेजुएला पर आंशिक प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेंगे। तुर्कमेनिस्तान एकमात्र देश है जहां नॉन-इमिग्रेंट वीजा पर प्रतिबंध हटा लिया गया है, हालांकि इमिग्रेंट वीजा पर रोक बरकरार है। घोषणा में कानूनी स्थायी निवासियों, मौजूदा वीजा धारकों, राजनयिकों, एथलीटों और अमेरिकी राष्ट्रीय हित में प्रवेश करने वालों को छूट दी गई है, साथ ही मामले-दर-मामले छूट का प्रावधान भी रखा गया है, लेकिन परिवार आधारित इमिग्रेंट वीजा की छूट को धोखाधड़ी के जोखिम के कारण सीमित कर दिया गया है। ——————————
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