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वर्ल्ड अपडेट्स:अमेरिका में रहने वाले भारतीय व्यक्ति पर हत्या का आरोप; शराब पीकर टेस्ला कार से महिला को टक्कर मारी

अमेरिका में रहने वाले 28 साल के भारतीय मूल के बदाल धोलारिया पर मर्डर का आरोप लगा है। 29 नवंबर को उसकी टेस्ला कार ने एक फोर्ड ब्रॉन्को गाड़ी को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी थी। इस हादसे में 41 साल की एलिक्स मैरी स्पार्क्स नाम की महिला की मौके पर ही मौत हो गई। वह ब्रॉन्को में पीछे की सीट पर बैठी थीं। गाड़ी चला रहा 40 साल का एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस के मुताबिक बदाल उस वक्त शराब के नशे में था और 150 मील प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गाड़ी चला रहा था। उसके खिलाफ कुल 5 गंभीर केस दर्ज हुए हैं, जिनमें मर्डर, शराब पीकर गाड़ी चलाना और चोट पहुंचाना शामिल है। कॉन्ट्रा कोस्टा काउंटी की डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी डायना बेक्टन ने कहा,“ नशे में गाड़ी चलाना मतलब दूसरों की जिंदगी से जुआ खेलना है। अगर आप नशे में हैं, तो गाड़ी मत चलाइए।” बदाल को हादसे के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। उसने कोर्ट में खुद को बेकसूर बताया है। केस अभी चल रहा है। अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़ी अन्य बड़ी खबरें…. आस्ट्रेलियाई कोर्ट ने भारतीय मूल के व्यक्ति को हत्या को दोषी पाया, 4 साल फरार रहा था आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के सुप्रीम कोर्ट की ज्यूरी ने सोमवार को 41 साल के भारतीय मूल के राजविंदर सिंह को हत्या का दोषी पाया है। कोर्ट के मुताबिक, राजविंदर सिंह ने 24 साल की टोया कॉर्डिंग्ले की बेरहमी से हत्या कर दी थी। 2018 में वांगेटी बीच पर टोया अपने कुत्ते के साथ टहलने गई थीं। वहां उनकी हत्या कर दी गई और लाश को रेत के टीले में आधा दफन कर दिया गया था। टोया पर 26 बार चाकू से वार किए गए थे। ट्रायल के दौरान कोई स्पष्ट मोटिव स्थापित नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा कि सिंह और टोया के बीच कोई संबंध या संपर्क का सबूत नहीं मिला, इसलिए यह एक अचानक या किसी विवाद के बाद हुआ हमला लगता है। हत्या के अगले ही दिन राजविंदर सिंह अपनी पत्नी, तीन बच्चों और माता-पिता को छोड़कर भारत भाग गया था। वह चार साल तक फरार रहा।पुलिस को घटनास्थल पर मिली एक लकड़ी पर राजविंदर का डीएनए मिला। साथ ही टोया का मोबाइल फोन और राजविंदर की गाड़ी की लोकेशन भी एक ही समय पर एक ही जगह दिखी।पंजाब के रहने वाले राजविंदर सिंह उस समय इनिसफेल शहर में रहते थे और नर्स का काम करते थे।मामले में मंगलवार को सजा सुनाई जाएगी। सीरिया में आजादी की सालगिरह, एक साल पहले सत्ता छोड़ रूस भागे थे असद सीरिया में बशर अल-असद के शासन के गिरने को आज ठीक एक साल पूरा हो गया। 8 दिसंबर 2024 को विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया था और असद रूस भाग गए थे। पूरे देश में लोग इस दिन को आजादी की सालगिरह के रूप में मना रहे हैं। तख्तापलट के बाद अहमद अल-शरा अंतरिम राष्ट्रपति बने। नवंबर में वे 78 साल में पहले सीरियाई नेता बने जो अमेरिका गए। हालांकि,अभी भी देश के अंदर तनाव बना हुआ है। हाल ही में अलवी और द्रूज अल्पसंख्यकों पर हमले हुए हैं, स्वेदा शहर में द्रूज ने अपनी अलग व्यवस्था बना ली है, कुर्द इलाकों में तनाव है और इजराइल दक्षिण में बफर जोन पर कब्जा जमाए बैठा है। असद के जाने के बाद से बारूदी सुरंगों से 590 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 167 बच्चे हैं। अर्थव्यवस्था अब भी कमजोर है, बड़े पुनर्निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ। लोग खुद अपने टूटे घर और दुकानें ठीक कर रहे हैं। दस लाख शरणार्थी लौट आए हैं, लेकिन नौकरियां न होने से कई फिर बाहर जाने की सोच रहे हैं। नई सरकार के सामने सुरक्षा, एकता और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की बहुत बड़ी चुनौती है। वहीं, सीरिया और इजराइल के रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण हैं। असद के पतन के बाद इजराइल ने सीरिया पर हवाई हमले बढ़ा दिए थे। अल-शरा ने हाल ही में कहा था की वो 1974 के डिसएंगेजमेंट समझौते को फिर शुरू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही कोई डील हो सकती है। लेकिन इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे ‘भविष्य की बात’ बताकर टाल दिया। 31 मई 1974 को इजराइल और सीरिया के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र शांति सेना (UNDOF) की स्थापना की गई थी और दोनों देशों के बीच एक बफर जोन (हाइट्स बफर) बनाया गया था। इसका मकसद इजराइल और सीरिया के बीच सैन्य गतिविधियों को रोकना और शांति बनाए रखना था। ऑस्ट्रिया की बर्फीली चोटी पर ठंड में जमकर महिला की मौत, बॉयफ्रेंड पर लापरवाही का आरोप ऑस्ट्रिया के सबसे ऊंचे पहाड़ ग्रॉसग्लॉकनर पर 33 साल की एक महिला कर्स्टिन गर्टनर की ठंड में जमकर मौत हो गई। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, कर्स्टिन साल्जबर्ग की रहने वाली थीं और सोशल मीडिया पर खुद को ‘विंटर चाइल्ड’ और ‘माउंटेन पर्सन’ कहती थीं। जनवरी में वह अपने बॉयफ्रेंड थॉमस प्लामबेर्गर के साथ चढ़ाई करने गई थीं। थॉमस 39 साल के हैं और एक अनुभवी माउंटेन गाइड हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों ने अपनी चढ़ाई दो घंटे देरी से शुरू की और ऊपर पहुंचते-पहुंचते मौसम बेहद खराब हो गया। तापमान -20°C तक गिर गया और हवाएं तूफानी रफ्तार से चल रही थीं। चोटी से सिर्फ करीब 150 फीट नीचे कर्स्टिन बहुत थक गईं, उनका शरीर ठंड से सुन्न होने लगा और वह उलझन में दिख रही थीं। सरकारी वकील का आरोप है कि इतनी खराब हालत में होने के बावजूद थॉमस रात करीब 2 बजे कर्स्टिन को वहीं छोड़कर मदद लेने निकल गए। उन्होंने न तो उनके ऊपर इमरजेंसी ब्लैंकेट डाला, न ही उनके पास मौजूद सेफ्टी कवर का इस्तेमाल किया। यहां तक कि थॉमस ने तुरंत रेस्क्यू टीम को कॉल नहीं किया और फोन साइलेंट पर रख दिया, जिससे रेस्क्यू टीम की कॉल्स मिस हो गईं। पहाड़ की वेबकैम फुटेज में भी सिर्फ एक हेडलैंप दिखाई दिया, जो शिखर से दूर जाता हुआ दिखा। तेज हवाओं और खराब मौसम के कारण रेस्क्यू टीम सुबह वहां पहुंच सकी। तब तक कर्स्टिन की मौत हो चुकी थी। थॉमस पर अब ग्रॉस नेग्लिजेंस (गंभीर लापरवाही) से हुई हत्या का आरोप है, और दोषी पाए जाने पर उन्हें तीन साल तक की जेल हो सकती है। उनके वकील का कहना है कि यह बस एक हादसा था। यह केस 19 फरवरी 2026 को इनसब्रुक रीजनल कोर्ट में सुना जाएगा। बांग्लादेश में स्टूडेंट लीडरशिप वाली पार्टी का कट्टरपंथी जमात से गठबंधन, देश में 2 महीने बाद आम चुनाव बांग्लादेश में फरवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले छात्र नेताओं की नई पार्टी नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) ने रविवार को एक कट्टरपंथी पार्टी के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन का नाम ‘गणतांत्रिक संगस्कार जोट’ रखा गया है। NCP दरअसल स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन से निकली वह पार्टी है, जिसने पिछले साल बड़े छात्र प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था। इन्हीं प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी। अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस के सहयोग से इस साल फरवरी में इस पार्टी की शुरुआत हुई थी। अब NCP ने कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी की सहयोगी अमर बांग्लादेश (AB) पार्टी और राष्ट्र संगस्कार आंदोलन के साथ हाथ मिलाया है। गठबंधन की घोषणा करते हुए NCP के संयोजक नाहिद इस्लाम ने बताया कि यह फैसला दो साल से चल रही बातचीत और कोशिशों का नतीजा है। नाहिद इस्लाम को यूनुस ने अगस्त 2024 में अपनी सलाहकार परिषद में शामिल किया था। हालांकि, NCP बनाने के लिए नाहिद ने बाद में अपना पद छोड़ दिया। उधर, बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी राजनीतिक ताकत जमात-ए-इस्लामी भी चुनाव से पहले अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटी है। वह पहले ही आठ इस्लामी पार्टियों को साथ लाकर एक बड़ा मोर्चा बना चुकी है। दूसरी तरफ, देश का राजनीतिक माहौल काफी बदला हुआ है। यूनुस सरकार ने अवामी लीग को भंग कर दिया था, जिसके बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) एक बार फिर से मुख्य धारा में आ गई। हालांकि उसकी प्रमुख खालिदा जिया गंभीर रूप से बीमार हैं, और पार्टी की कमान उनके बेटे तारिक रहमान के हाथ में है, जो सालों से लंदन में रह रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अवामी लीग के बाहर होने और BNP की कमजोर स्थिति ने राजनीतिक खालीपन पैदा कर दिया है, जिसका फायदा जमात और दक्षिणपंथी दल उठा रहे हैं। ट्रम्प बोले- मैंने टैरिफ की मदद से 8 युद्ध खत्म किए, ये बहुत आसान और तेज तरीका अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपनी पत्नी के साथ वॉशिंगटन डीसी में हुए केनेडी सेंटर ऑनर्स कार्यक्रम में पहुंचे। यहां ट्रम्प ने कहा कि उनकी टैरिफ पॉलिसी देश की सुरक्षा के लिए बहुत फायदेमंद है। ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने अपनी ट्रेड और टैरिफ पॉलिसी की वजह से आठ युद्ध खत्म किए हैं। ट्रम्प का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट जल्द ही यह फैसला सुनाने वाला है कि क्या उन्होंने राष्ट्रपति पद की ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए बड़े पैमाने पर टैरिफ लगाए। ट्रम्प ने जनवरी में दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद कई देशों पर पुराने टैरिफ फिर से लागू कर दिए और कुछ नए टैरिफ भी लगाए। इसका असर यह हुआ कि अमेरिका में कई चीजों जैसे इलेक्ट्रिक सामान, लकड़ी और घरेलू इक्विपमेंट की कीमतें बढ़ गईं। कई कंपनियों और व्यापार संगठनों ने ट्रम्प की इस पॉलिसी को गलत बताया है। उनका कहना है कि ट्रम्प ने इमरजेंसी कानून का गलत इस्तेमाल किया है। इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। टैरिफ के समर्थन में ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अमेरिका के पास विदेशी देशों पर टैरिफ लगाने के और भी तरीके हैं, लेकिन मौजूदा तरीका ज्यादा आसान और तेज है। उन्होंने फिर दावा किया कि राष्ट्रपति को मिले अधिकारों की वजह से उन्होंने 10 महीनों के भीतर 8 युद्ध खत्म किए। इस बीच, अगर सुप्रीम कोर्ट ट्रम्प की मौजूदा टैरिफ पॉलिसी को गलत घोषित करता है, तो अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने इसके लिए एक बैकअप प्लान तैयार किया है। इस प्लान के मुताबिक सरकार दूसरे कानूनों का इस्तेमाल करके फिर से टैरिफ लगा सकती है। भारतीय सामान 40 की जगह 24 दिन में रूस पहुंचेगा:मोदी-पुतिन के समझौते से 6000km की बचत; 2030 तक 100 अरब डॉलर ट्रेड का टारगेट रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच चेन्नई-व्लादिवोस्तोक ईस्टर्न कॉरिडोर को लेकर चर्चा हुई। यह कॉरिडोर सिर्फ 10,370 किमी लंबा होगा, जिससे भारतीय जहाज औसतन 24 दिन में रूस पहुंच सकेंगे। फिलहाल भारत से रूस के सेंट पीटर्सबर्ग तक सामान भेजने के लिए जहाजों को लगभग 16,060 किमी की लंबी यात्रा करनी पड़ती है, जिसमें करीब 40 दिन लग जाते हैं। यानी यह नया रूट लगभग 5,700 किमी छोटा है और भारत को सीधे 16 दिन की बचत होगी। पुतिन और पीएम मोदी के बीच 5 दिसंबर को हुई वार्ता में इस समुद्री मार्ग को जल्द शुरू करने पर सहमति बनी। माना जा रहा है कि ग्लोबल तनाव के बीच यह नया रास्ता एक सुरक्षित, तेज और भरोसेमंद ऑप्शन दे सकता है। पढ़ें पूरी खबर…


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