बिहार विधानसभा चुनाव लालू यादव के दो बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच चुनावी महाभारत का गवाह बन गया है। इस लड़ाई में अपने ही परिवार के लोग तेजस्वी के साथ नहीं। मां राबड़ी देवी और बड़ी बहनें मीसा भारती व रोहिणी ने वैशाली जिला के महुआ विधानसभा सीट से राजद उम्मीदवार मुकेश रौशन की जगह तेज प्रताप यादव को जीत का आशीर्वाद दिया है। दूसरी ओर तेजस्वी यादव बड़े भाई तेज प्रताप को हराने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं। इससे साफ हो गया है कि लालू परिवार में सब ठीक नहीं। भास्कर की खास रिपोर्ट में जानें महुआ और राघोपुर की लड़ाई ने किस तरह लालू परिवार के अंदर की जंग को सबके सामने ला दिया है। तेज प्रताप यादव को लेकर परिवार की महिलाएं क्या कह रहीं हैं? तेजस्वी ने महुआ तो तेज प्रताप ने राघोपुर में किया चुनाव प्रचार तेजस्वी राजद का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं, पिता लालू यादव द्वारा अपनी पार्टी राजद से 6 साल के लिए निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने जनशक्ति जनता दल नाम की पार्टी बनाई और चुनावी जंग में कूद गए। तेज प्रताप ने तेजस्वी के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में जनशक्ति जनता दल से उम्मीदवार उतारा है। दूसरी तरफ जिस महुआ सीट से तेज प्रताप चुनाव लड़ रहे हैं वहां राजद ने अपने वर्तमान विधायक मुकेश रौशन को उतारा है। तेज प्रताप ने पहले ही कहा था कि तेजस्वी राजद उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने महुआ आएंगे तो मैं भी तेजस्वी के क्षेत्र राघोपुर जाऊंगा। इसके बाद भी तेजस्वी महुआ गए और अपने भाई के खिलाफ और राजद उम्मीदवार मुकेश रौशन के समर्थन में प्रचार किया। इसके बाद तेज प्रताप ने भी राघोपुर में तेजस्वी के खिलाफ चुनाव प्रचार किया। दोनों भाइयों के बीच बयान-विवाद इस बीच दोनों भाइयों के बीच बयानबाजी भी हुई। तेजस्वी ने कहा, ‘पार्टी ही मां-बाप होती है, लालू यादव ने मुकेश रौशन को टिकट दिया है। इसलिए महुआ के मतदाता कोई कन्फ्यूजन में नहीं रहें। लालटेन पर बटन दबाकर आरजेडी के प्रत्याशी को जिताएं, तेजस्वी का हाथ मजबूत करें। पार्टी से बड़ा परिवार नहीं है।’ इसके बाद तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘हमारे छोटे और नादान भाई ने महुआ में कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता, लेकिन हम कहना चाहेंगे कि पार्टी से बड़ी हमारी जनता मालिक होती है। लोकतंत्र में सबसे बड़ी केवल जनता होती है। कोई पार्टी या परिवार नहीं। पार्टी केवल एक व्यवस्था है। जनता हमारी मालिक है।’ यह उस तेजप्रताप का तेजस्वी पर दिया बयान है, जिसे मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प उन्होंने लिया था। वह खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन कहते रहे, लेकिन अब दोनों चुनावी मैदान में आमने-सामने हैं। विवाद इस कदर बढ़ गया कि तेज प्रताप ने तेजस्वी के लिए कहा, ‘वह अभी नादान है। चुनाव बाद उसे झुनझुना पकड़ाएंगे। राबड़ी देवी ने दिया तेज प्रताप यादव को आशीर्वाद इस सबके बीच लालू परिवार से कई बयान आए। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा, ‘तेज प्रताप यादव अपनी जगह पर सही है। चुनाव लड़ रहा है। पार्टी से भले निकाला गया है, लेकिन मन से थोड़े न निकाला है। अलग होकर अपने पैर पर खड़ा हो रहा है। वो ठीक है, लड़ रहा है। मेरा उसे भी आशीर्वाद है।’ बड़ी बहन मीसा भारती ने दिया तेज प्रताप को आशीर्वाद बड़ी बहन मीसा भारती ने तेज प्रताप को जीत का आशीर्वाद दिया। राजद सांसद मीसा तेजस्वी के क्षेत्र राघोपुर में चुनाव प्रचार करने गईं। तेज प्रताप के क्षेत्र महुआ में प्रचार करेंगी या नहीं? इस सवाल पर कहा, ‘दोनों भाइयों का अलग-अलग दल है। भाई दूसरे दल से लड़ रहा है। मैं राजद में हूं, लेकिन सच्चाई को कोई नकार नहीं सकता। दोनों भाई चुनाव लड़ रहे हैं, दोनों को आशीर्वाद और शुभकामनाएं। क्योंकि मैं राजद सांसद हूं, मेरा वहां जाना उचित नहीं है।’ रोहिणी आचार्या ने तेज प्रताप को दिया जीत का आशीर्वाद सारण से लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने कहा, ‘तेज प्रताप मेरा छोटा भाई है। उसे जीत का आशीर्वाद है।’ राजद से क्यों निकाले गए थे तेज प्रताप यादव? तेज प्रताप यादव को लालू प्रसाद ने पार्टी और परिवार से 6 साल के लिए निकाल दिया था। उन्होंने यह कार्रवाई तेज प्रताप और अनुष्का यादव के साथ वाला वीडियो और फोटो वायरल होने के बाद की। तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के तलाक का मामला कोर्ट में लंबित है। चुनाव से पहले यह सब हुआ। इसके बाद तेज प्रताप ने जनशक्ति जनता दल नाम की पार्टी बनाई और चुनावी मैदान में उतरे। तेज प्रताप को जब पार्टी से निकाला गया तब मीसा भारती और रोहिणी आचार्या ने लालू के फैसले को सही ठहराया था। लालू परिवार की 3 महिलाओं के बयान क्या पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं? लालू परिवार से 3 महिलाएं (जो पॉलिटिक्स में एक्टिव भी हैं) ने तेज प्रताप यादव को जीत का आशीर्वाद दिया है। ऐसे में सवाल है कि महुआ से राजद उम्मीदवार मुकेश रौशन का क्या होगा? सवाल यह भी है कि तीनों का तेज प्रताप को आशीर्वाद देना या उन्हें ठीक ठहराना, पार्टी लाइन के खिलाफ नहीं है क्या? राजद में जगदानंद सिंह ने सुधाकर को हराकर पेश की थी मिसाल 2010 के चुनाव में जगदानंद के बेटे सुधाकर बीजेपी में चले गए थे और चुनाव लड़ने का फैसला किया था। तब जगदानंद बेटे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे और उन्हें हराकर मिसाल पेश की। उन पर काफी दबाव था, लेकिन टस से मस नहीं हुए। इस राह पर तेजस्वी तो चल रहे, लेकिन लालू परिवार के ज्यादातर सदस्य नहीं। वे महुआ से राजद उम्मीदवार मुकेश रौशन की जगह तेज प्रताप यादव को जीत का आशीर्वाद दे रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने माता-पिता की जगह दादी का फोटो हाथ में थामा तेज प्रताप यादव नामांकन भरने लालू यादव या राबड़ी देवी की जगह अपनी दादी मछरिया देवी की तस्वीर लेकर गए थे। उनका चुनाव चिह्न ब्लैक बोर्ड है। वे चुनाव प्रचार में कह रहे हैं कि ‘जनशक्ति जनता दल ही लालू प्रसाद की असली पार्टी है। हम अपने पिता के विचारों पर चल रहे हैं।’ पहली बार महुआ ने तेज प्रताप को विधायक और मंत्री बनाया तेज प्रताप यादव पहली बार महुआ सीट से ही विधानसभा चुनाव जीते और मंत्री बने थे। 2020 में तेज प्रताप को महुआ से हटाकर हसनपुर से चुनाव लड़ाया गया। वे चुनाव जीते। दूसरे नंबर पर जेडीयू के राज कुमार राय थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से राजद के मुकेश रौशन जीते। उन्हें 62,747 वोट मिले। दूसरे स्थान पर जदयू की आसमा परवीन रहीं, जिन्हें 48,977 वोट मिले। तीसरे स्थान पर रहे एलजेपी के संजय कुमार सिंह को 25,198 वोट मिले। एलजेपी के दांव ने यहां जेडीयू को काफी नुकसान पहुंचाया और आरजेडी की राह आसान हुई थी। मुकेश रौशन राजनीतिक परिवार से है। उनके चाचा विष्णु देव राय एमएलसी थे और लालू प्रसाद के करीबी माने जाते थे। 37 साल के मुकेश रौशन डेंटल सर्जन हैं। वैशाली के हाजीपुर के दिग्घी खुर्द गांव के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी रूपा प्रसाद टीचर हैं। कौन-कौन उम्मीदवार मैदान में, M-Y वोटर अधिक महुआ में मुख्य टक्कर जनशक्ति जनता दल के तेज प्रताप यादव, आरजेडी से मुकेश रौशन और एलजेपी आर के संजय कुमार सिंह के बीच है। जन सुराज पार्टी ने इंद्रजीत प्रधान को टिकट दिया है। यहां आरजेडी के कैडर वोट बैंक यानी यादव और मुसलमान निर्णायक फैक्टर हैं। इनके अलावा पासवान, रविदास की संख्या अधिक है। लालू परिवार के सियासी ड्रामा से बंटेगा वोट: राजनीतिक विश्लेषक वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क ने कहा, ‘यह लालू परिवार का सियासी ड्रामा है। तेजस्वी ने भाई और पार्टी में से पार्टी को चुना। राबड़ी देवी, मीसा भारती और रोहिणी आचार्या का बयान वोटर के सामने दुविधा की स्थिति पैदा करता है। इससे वोटर कन्फ्यूज होंगे। इस दुविधा में वोट बंटेगा। तेजस्वी यादव का कोआर्डिनेशन न तो महागठबंधन में दिखा, न घर में।’ सामने आया लालू परिवार का मतभेद सीनियर जर्नलिस्ट प्रवीण बागी ने कहा, ‘राबड़ी देवी, मीसा भारती और रोहिणी आचार्या का बयान पार्टी लाइन के खिलाफ है। राबड़ी देवी ने जीत का आशीर्वाद दिया। इससे परिवार का आंतरिक मतभेद दिखता है। एक मां कैसे बेटा के बारे में कहे कि वह हार जाए। लोग उसको वोट न करें।’ महुआ विधानसभा सीट पर क्या है स्थिति? वैशाली जिला के महुआ विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई है। महागठबंधन की ओर से राजद के मुकेश रौशन तो NDA की ओर से LJP R के संजय कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं। जनशक्ति जनता दल के नेता तेज प्रताप यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनावों की बात करें तो मुख्य मुकाबला जदयू और राजद के बीच होता रहा है। NDA के सीट बंटवारे में इस बार महुआ सीट LJP R के खाते में चली गई। 2005 से 2020 तक हुए चार चुनावों में तीन बार राजद और एक बार जदयू को जीत मिली है।
https://ift.tt/OnGrkUy
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply