ललितपुर जिले में भाजपा नेता और एक फौजी पर हुए हमले के मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। यह मामला 24 अक्टूबर की रात तालबेहट कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मऊ का है। यहां पूर्व प्रधान और उनके परिजनों ने कथित तौर पर भाजपा सेक्टर प्रभारी रामनिवास दुबे, उनके नाती फौजी अभिषेक दुबे सहित सात अन्य परिजनों पर लाठी-डंडों और कुल्हाड़ी से हमला किया था। इस घटना के बाद पुलिस ने पूर्व प्रधान समेत आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रविवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने पुलिस अधीक्षक को संबोधित एक ज्ञापन अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह को सौंपा। महासभा के जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह परमार के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि दूसरे पक्ष के लोग भी मारपीट में घायल हुए हैं, लेकिन पुलिस केवल एक पक्ष के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम पंचायत मऊ में जगदीश सिंह परमार और देवेंद्र रघुनंदन के बीच बच्चों की लड़ाई को लेकर विवाद हुआ था। इसमें दोनों पक्षों को चोटें आई थीं। महासभा ने आरोप लगाया कि प्रभारी निरीक्षक कोतवाली तालबेहट ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए जगदीश सिंह आदि पर मुकदमा दर्ज किया, जो न्यायोचित नहीं है। उन्होंने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन सौंपते समय जिला महामंत्री भगवत सिंह बैस, धर्मेन्द्र सिंह परमार, राजेन्द्र सिंह राठौड़, अजय प्रताप सिंह तोमर, जितेंद्र सिंह बैस, देवेंद्र सिंह चौहान, पुष्पेंद्र सिंह बुन्देला, अभिमन्यु सिंह वघेल, राजेन्द्र सिंह परमार, सत्यप्रताप सिंह परमार, यशपाल सिंह, राजेन्द्र सिंह, दीपक राजा बुन्देला, वीपेंद्र सिंह परमार, भारत भूषण, नैतिक राजा, योगेन्द्र सिंह, जगत सिंह, साहब सिंह बुन्देला, चन्द्रभान सिंह, अमित राजा, विशेष राजा, सौरभ राजा, निशांत राजा, उदय प्रताप सिंह, जगत सिंह, अरुण राजा और सौरभ राजा सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
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