लखनऊ की ग्रामीण इलाकोंं में बनी मदर एंड चाइल्ड विंग के संचालन में लगातार अड़चन आ रही है। अभी तक बेड न होने से वहां पर जच्चा-बच्चा भर्ती नहीं किए जा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग के जरिये एमसीएच विंग में बेड की व्यवस्था कर दी है मगर वहां अभी तक डॉक्टर व मैनपॉवर का संकट बना है। ऐसे में उनके संचालन में अभी अड़चन आएगी। 2 CHC पर डॉक्टर हुए तैनात गोसाईगंज, काकोरी 50-50 बेड की मदर एंड चाइल्ड विंग बनी है। इन विंग का निर्माण कोविड से पहले हुआ था। करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से भवन का निर्माण हुआ था। बीते साल दिसंबर माह में शासन ने काकोरी व गोसाईगंज में डॉक्टर की तैनाती किया था। काकोरी सीएचसी में सात डॉक्टर और गोसाईगंज में दो डॉक्टरों की तैनाती हुई थी। स्टाफ नर्स की अभी तक यहां पर तैनाती नहीं हुई है। मैनपावर व विशेषज्ञ के अभाव में इन विंग में अभी तक गर्भवती की भर्ती शुरू नहीं हुई है। अफसरों ने दोनों एमसीएच विंग में 50-50 बेड की व्यवस्था करवा दी है। मैनपॉवर न मिलने से केंद्र संचालन में दिक्कत आएगी। 30-30 बेड दोनों यूनिट में डाले गए मोहनलालगंज और मलिहाबाद मदर एंड चाइल्ड विंग में 30-30 बेड की क्षमता है। दोनों जगह पर बेड इंस्ट्राल कर दिए गए हैं। मोहनलालगंज विंग में डेढ़ माह पहले बाल रोग विशेषज्ञ, गाइनकोलॉजिस्ट, मेडिकल अफसर, व बेहोशी के डॉक्टर तैनात किए गए हैं। नर्स व चतुर्थ श्रेणी स्टाफ की तैनाती नहीं हुई। ऐसी स्थिति मलिहाबाद क्षेत्र की मदर एंड चाइल्ड विंग की है। जहां पर सिर्फ बेहोशी और पैथोलॉजी के विशेषज्ञ तैनात हैं।
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