भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के तत्वावधान में विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम नमामि गंगे के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और जलज परियोजना के तहत इस्माइलपुर प्रखंड के लक्ष्मीपुर गांव में हुआ। जलज परियोजना के सहायक समन्वयक राहुल कुमार राज ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मिट्टी को मानव जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन बताया। उन्होंने कहा कि हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मिट्टी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उसकी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए मनाया जाता है। राज ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण, कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग और अन्य कारणों से मिट्टी की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। उन्होंने गंगा नदी के जलीय जीवों के संरक्षण पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने जोर दिया कि पूजा सामग्री और पॉलीथिन को नदी में नहीं डालना चाहिए, क्योंकि प्रदूषण के कारण नदियां धीरे-धीरे ‘मर’ रही हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि नदियों में प्लास्टिक और माइक्रो प्लास्टिक के अंश मिल रहे हैं, जो मछलियों के माध्यम से मानव शरीर में पहुंच रहे हैं। राज ने प्रतिभागियों से नदी के आसपास या संस्थान के पास प्लास्टिक और सिंगल-यूज पॉलीथिन को एकत्र कर कूड़ेदान में डालने का आग्रह किया। कार्यक्रम में जलज परियोजना के उद्देश्यों और थीम को भी समझाया गया, साथ ही जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन पर भी जागरूकता फैलाई गई। सभी प्रतिभागियों ने जलीय जीवों के संरक्षण, जैव विविधता संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ ली। इस कार्यक्रम में माया साइंस इंस्टीट्यूट के निदेशक मुकेश कुमार शर्मा, गंगा प्रहरी और संस्थान के छात्र उपस्थित थे।
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