भारतीय रेलवे ने यात्रियों द्वारा सामान ले जाने के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब हवाई जहाज की तर्ज पर सख्त सीमाएं लागू की गई हैं, जिसका उद्देश्य ट्रेन के गलियारों को बाधा मुक्त रखना और यात्रा को सुरक्षित बनाना है। नए नियमों के तहत, स्लीपर क्लास में 40 किलोग्राम, एसी टू-टियर में 50 किलोग्राम और एसी फर्स्ट क्लास में 70 किलोग्राम तक सामान मुफ्त ले जाया जा सकेगा। इससे अधिक वजन पर डेढ़ गुना शुल्क वसूला जाएगा। बड़े या व्यवसायिक सामान पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, जिन्हें अब ब्रेक वैन या पार्सल वैन में बुक करना अनिवार्य होगा। सीमांचल के व्यस्त स्टेशनों पर खासा असर डालेगा यह बदलाव किशनगंज जैसे सीमांचल के व्यस्त स्टेशनों पर खासा असर डालेगा। यहां से रोजाना सैकड़ों यात्री पटना, दिल्ली या कोलकाता की ट्रेनों से सफर करते हैं। स्थानीय व्यापारी, जो अक्सर सामान लेकर यात्रा करते हैं, इन नियमों से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। वैकल्पिक परिवहन साधनों पर करना पड़ सकता है विचार विशेषज्ञ राजीव रंजन के अनुसार, इन नए नियमों से रेलवे की आय में भी वृद्धि होगी। किशनगंज जिले में रेल यात्रा एक प्रमुख साधन है, जहाँ से प्रतिदिन हजारों यात्री सफर करते हैं। नए नियमों के कारण छोटे व्यापारियों को अब वैकल्पिक परिवहन साधनों पर विचार करना पड़ सकता है। ट्रेनों की क्षमता का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित करेगा रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे आईआरसीटीसी ऐप या हेल्पलाइन के माध्यम से इन नियमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें। रेलवे का कहना है कि यह बदलाव न केवल यात्रा को व्यवस्थित बनाएगा, बल्कि ट्रेनों की क्षमता का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित करेगा। हालांकि, इन नियमों को लेकर यात्रियों में रोष भी है। रेल यात्री संजय मंडल ने कहा कि जो लोग मजदूरी करने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, वे अपने साथ अधिक सामान लेकर जाते हैं। उन्होंने सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को पूरी तरह से गलत बताया। सामान के वजन पर लगाई जा रही पेनल्टी को अनुचित बताया एक अन्य रेल यात्री सिकंदर गुप्ता ने भी सामान के वजन पर लगाई जा रही पेनल्टी को अनुचित बताया। उन्होंने तर्क दिया कि व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार सामान ले जाता है, खासकर जब वह रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाता है और लौटते समय अपने घर का सामान और भी अधिक लेकर आता है। एक अन्य रेल यात्री सागर कुमार गुप्ता ने कहा कि हम लोग ट्रेन से सुविधा के लिए यात्रा करते हैं, क्योंकि पहले ट्रेन में कितना भी सामान ले जाने की अनुमति थी। यह नया नियम पूरी तरह से गलत है।
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