कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर मोदी जी चुप क्यों हैं। आपकी सरकार प्रदूषण रोकने के लिए न तो कोई तुरंत कार्रवाई कर रही। न कोई योजना और जवाबदेही दिखा रही है। उन्होंने X पर दिल्ली की महिलाओं के साथ प्रदूषण पर बातचीत का वीडियो शेयर किया। साथ में लिखा- मैं जिस भी मां से मिलता हूं, वो कहती हैं कि उनका बच्चा जहरीली हवा में सांस लेकर बड़ा हो रहा है। वे थके, डरे और गुस्से में हैं। मोदी जी भारत के बच्चे हमारे सामने घुट रहे हैं। राहुल ने 1 दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में प्रदूषण पर विस्तार से चर्चा की मांग की। साथ ही कहा कि इस हेल्थ इमरजेंसी से निपटने के लिए एक सख्त और तुरंत लागू करने वाले एक्शन प्लान की जरूरत है। हमारे बच्चों को बहाने नहीं बल्कि साफ हवा चाहिए। AQI में हल्का सुधार, दिल्ली-NCR में ग्रैप-3 की पाबंदियां हटीं दिल्ली-NCR में 26 नवंबर को हवा की गुणवत्ता में हल्के सुधार के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-3 की पाबंदियों को हटा लिया। इसके साथ ही दिल्ली में आधे कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा और वाहनों पर लगी पाबंदियां खत्म कर दी गई हैं। साथ ही स्कूलों में चल रहीं हाइब्रिड मोड क्लास भी अब बंद कर दी गई हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने CAQMके निर्देशों के बाद 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था खत्म होने की बात कही है। CAQM के अनुसार, पिछले कुछ दिनों के AQI डेटा की समीक्षा की गई। दिल्ली का AQI लगातार सुधार पर है। बुधवार को AQI 327 दर्ज किया गया है, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है लेकिन गंभीर श्रेणी से नीचे है। दिल्ली में 11 नवंबर को ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू कर दी गई थीं। इनमें मुख्य तौर पर बीएस-3 तक के चार पहिया वाहनों के दिल्ली-NCR में प्रवेश पर रोक लगा दी थी। 19 राज्यों में प्रदूषण मानक से ऊपर, 60% जिलों की हवा बेहद खराब देश में वायु प्रदूषण का संकट अनुमान से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है। 749 में से 447 जिलों (करीब 60%) की हवा में पीएम 2.5 का सालाना औसत राष्ट्रीय मानक से ज्यादा है। पीएम 2.5 का राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (एनएएक्यूएस) 40 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर है। 19 राज्यों में प्रदूषण का वार्षिक औसत भी राष्ट्रीय मानक से ज्यादा है। एक चिंताजनक पहलू यह भी है कि देश का कोई भी जिला या राज्य वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के 5 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर के मानक पर खरा नहीं है। 50 सर्वाधिक प्रदूषित जिले चार राज्यों- दिल्ली, असम, हरियाणा और बिहार में ही केंद्रित हैं। ऊर्जा और स्वच्छ हवा पर काम करने वाले संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) की सैटेलाइट बेस्ड रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में बताया गया कि दिल्ली, त्रिपुरा, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और चंडीगढ़ में मानसून के अलावा हर मौसम में सभी जिले मानक से ज्यादा प्रदूषित रहे।
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