लोकसभा में चुनाव सुधार, SIR और वोटर चोरी पर चर्चा के दौरान मंगलवार को राहुल गांधी ने सरकार से 3 सवाल पूछे थे। इसपर आज बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दिए। 1. राहुल का सवाल: चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से CJI को क्यों हटाया गया। शाह का जवाब: 73 साल तक चुनाव आयोग कि नियुक्ति का कानून नहीं था। पीएम सीधे करती थीं। अभी तक जितने चुनाव आयुक्त हुए सभी ऐसे ही हुए हैं। 1950-1979 तक प्रधानमंत्री ने ही चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की। 1979-91 तक चुनाव आयोग बना लेकिन पीएम की सिफारिश पर ही आयुक्त बने, इस बीच 21 आयुक्त बनाए गए। 2023 तक कोई कानून नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसमें पारदर्शिता होनी चाहिए, तब हमने कहा कि हमें दिक्कत नहीं है। हमने कहा कि जब तक कानून नहीं बनता सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सब कुछ हो। इसके बाद कानून बना। 2. राहुल का सवाल: चुनाव के 45 दिन बाद CCTV फुटेज क्यों डिलीट किए। शाह का जवाब: इन्होंने चुनाव आयोग के CCTV फुटेज 45 दिन में नष्ट करने की आपत्ति जताई। जनप्रतिनिधि कानून 1991 के कानून में साफ लिखा के 45 दिन बाद इसे कोई चुनौती नहीं दे सकता। जब 45 दिन में कोई आपत्ति नहीं आई तो चुनाव आयोग इसे क्यों रखें। CCTV रिकॉर्डिंग संवैधानिक दस्तावेज नहीं है। आंतरिक प्रबंधन है, फिर भी आयोग ने कहा कि सामान्य जनता को एक्सेस मिल सकता है। कोई भी 45 दिन में शीर्ष अदालत में जाकर इसे मांग सकता है। ये कोई प्रक्रिया पढ़ते नहीं है। पॉलिटिकल एजेंट भी अदालत से इसे प्राप्त कर सकता है। 3. राहुल का सवाल: दिसंबर 2023 में कानून बदला कि चुनाव आयुक्त को दंडित नहीं किया जा सकता। शाह का जवाब: आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयोग को कानून बनाकर इम्यूनिटी दी। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 से ज्यादा उन्हें कोई इम्यूनिटी नहीं दी गई है। 2023 के कानून में भी प्रावधान पहले वाला ही है कि मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ कोई केस नहीं कर सकता।
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