खगड़िया जिले के मानसी प्रखंड के बलहा बाजार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपना शताब्दी दिवस मनाया। इस अवसर पर बलहा पंचायत के लोगों के घर-घर जाकर संघ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और पुस्तकें वितरित की गईं। संघ के प्रचारक सह मंडल अध्यक्ष रमेश चंद्र सूर्या ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी (विक्रम संवत् 1982) के दिन हुई थी। संघ ने अब अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और यह आज विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन बन गया है। संघ के सदस्य और निवर्तमान मंडल अध्यक्ष राजाराम सिंह ने कहा कि भारत में हिंदुत्व को केवल उपासना पद्धति या धर्म नहीं, बल्कि एक जीवनदृष्टि और जीवन पद्धति माना जाता है। डॉ. हेडगेवार ने ऐसे गुणवान कार्यकर्ता तैयार करने के लिए संघ में दैनिक ‘शाखा’ की एक सरल और प्रभावी पद्धति विकसित की। संघ के गुड्डु साह ने बताया कि संघ कार्य के पहले चरण में संगठन खड़ा करना और व्यक्ति निर्माण की प्रक्रिया को गति देना मुख्य उद्देश्य था। दैनिक शाखाओं में स्वयंसेवक खेल, व्यायाम, योगासन, गीत, कहानी और प्रार्थना जैसे कार्यक्रम करते हैं। ये गतिविधियाँ स्वयंसेवकों में साहस, धैर्य, शक्ति, राष्ट्रीय चरित्र, अनुशासन, देशभक्ति और सेवा जैसे गुणों का विकास करती हैं। इन कार्यक्रमों की निरंतरता स्वयंसेवकों के जीवन की दिशा और प्राथमिकताओं को बदल देती है, जिससे संघ एक सामान्य लोगों का असामान्य संगठन बन गया है। इस कार्यपद्धति और स्वयंसेवकों के आचरण के कारण समाज में संघ की सकारात्मक छवि बनी है, जो देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवा और अनुशासन का पर्याय है। इस मौके पर पंचायत अध्यक्ष पश्चिमी ठाठा कुमोद कुमार, पंचायत अध्यक्ष बलहा अजीत कुमार, बूथ अध्यक्ष गुड्डु साह, भाजपा के प्रखंड उपाध्यक्ष प्रेमजीत कुमार प्रजापति, मुकेश कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
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