रायबरेली में छठ पर्व का आज अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। जिले के विभिन्न घाटों पर बड़ी संख्या में व्रतियों ने पहुंचकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और नम आँखों से छठ मैया को विदाई दी। राजघाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने वाली महिलाओं ने सूर्योदय के समय विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपने परिवार की सुख-शांति और मंगल कामना के लिए छठ मैया से प्रार्थना की। व्रतियों के अनुसार, यह चार दिवसीय अनुष्ठान होता है। पहले दिन ‘नहाए-खाए’ के बाद पूजा की जाती है। दूसरे दिन छठ मैया का व्रत रखा जाता है। तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा की सभी रस्में पूरी की जाती हैं, जिसके बाद छठ मैया को विदाई दी जाती है। जिला प्रशासन ने छठ पर्व के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की थीं। गंगा घाट, गोकना घाट, राजघाट, सई नदी पुल और शारदा नहर पुल सहित सभी प्रमुख घाटों पर साफ-सफाई सुनिश्चित की गई थी। सुरक्षा व्यवस्था के भी कड़े इंतजाम किए गए थे। सभी घाटों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी सिविल ड्रेस में मौजूद थीं ताकि व्रतियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लाखों महिलाओं ने इस चार दिवसीय व्रत का पालन किया।
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