बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थल राजगीर में जल्द ही राज्य का पहला डायनासोर पार्क स्थापित होने जा रहा है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना न केवल बिहार के पर्यटन मानचित्र पर एक नया आयाम जोड़ेगी, बल्कि राजगीर को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी। राज्य सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद इस परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। नेचर सफारी में निर्माणाधीन क्लिफ वॉक के पास 4.5 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होने वाले इस पार्क पर लगभग 20 करोड़ रुपए लागत आने का अनुमान है। टेंडर प्रक्रिया को तेजी से पूर्ण करते हुए अगले वित्तीय वर्ष तक इसे पर्यटकों के लिए खोलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पार्क की सबसे बड़ी विशेषता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और एनिमेट्रोनिक्स तकनीक का उपयोग होगा। यहां स्थापित किए जाने वाले डायनासोर मॉडल केवल निर्जीव प्रतिमाएं नहीं होंगे, बल्कि वे सांस लेते, गर्जना करते और पलकें झपकाते हुए दिखाई देंगे। यह तकनीकी उन्नति आगंतुकों को मेसोजोइक युग का वास्तविक अनुभव प्रदान करेगी। छह थीमेटिक जोन में विभाजित होगा पार्क पूरे पार्क को एक कालक्रमिक कथा के रूप में डिजाइन किया गया है, जो छह विशिष्ट क्षेत्रों में विभाजित होगा। प्रवेश क्षेत्र- विशालकाय डायनासोर गेट और एंट्रेंस प्लाजा से पर्यटकों का स्वागत किया जाएगा। पार्क के अंदर प्रवेश के लिए एक अनोखा रिबकेज टनल (हड्डियों का ढांचा) बनाया जाएगा, जो आगंतुकों को रोमांचित करने वाला अनुभव देगा। टी-रेक्स जोन- यह क्षेत्र मांसाहारी डायनासोरों का साम्राज्य होगा। यहां दो टी-रेक्स को आपस में लड़ते हुए प्रदर्शित किया जाएगा, जो पार्क का मुख्य आकर्षण होगा। डिगिंग साइट- बच्चों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया यह क्षेत्र उन्हें पुरातत्वविद् की भूमिका में रेत के अंदर छिपे जीवाश्मों और हड्डियों की खोज करने का अवसर देगा। विश्राम क्षेत्र- हरे-भरे लॉन और प्राकृतिक वातावरण के बीच आगंतुकों के आराम के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। प्ले एरिया- बच्चों के मनोरंजन के लिए खेल क्षेत्र और रहस्यमयी गुफाओं वाला इलाका तैयार किया जाएगा। डेंजर जोन- रोमांच प्रेमियों के लिए यह विशेष क्षेत्र होगा, जहां पिंजरों में कैद डायनासोर और टूटी दीवारें रोमांचक अनुभव प्रदान करेंगी। विविध प्रजातियों का प्रदर्शन पार्क में 15 मीटर लंबे डिप्लोडोकस सहित दर्जन भर से अधिक प्रजातियों के डायनासोर मॉडल स्थापित किए जाएंगे। एंकिलोसॉरस, स्टेगोसॉरस, वेलोसिराप्टर और कार्नोटॉरस जैसी खूंखार प्रजातियां भी इस संग्रह का हिस्सा होंगी। मनोरंजन और शिक्षा का समावेश पार्क में केवल दृश्य आकर्षण ही नहीं होंगे, बल्कि शैक्षणिक तत्वों को भी समाहित किया गया है। एक कृत्रिम ज्वालामुखी मेसोजोइक युग के भूगर्भीय वातावरण को दर्शाएगा। ‘टॉकिंग ट्री’ तकनीक की सहायता से आगंतुकों से संवाद करेंगे। एक अत्याधुनिक 3डी-5डी थिएटर में डायनासोर के विकास और विलुप्ति की कहानी प्रस्तुत की जाएगी। डायनासोर के अंडों से निकलते बच्चों के मॉडल, सेल्फी पॉइंट्स, थीम आधारित बेंच और डस्टबिन भी पार्क की विशेषताएं होंगी। आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों की सुविधा के लिए कैफेटेरिया और सोवेनियर शॉप की व्यवस्था की गई है। ‘डिनो ऑन बस’ और कार्नोटोरस के मुंह में सिर डालकर फोटो खिंचवाने जैसे अनोखे सेल्फी पॉइंट्स युवाओं को विशेष रूप से आकर्षित करेंगे। भारत में पहले से ही गुजरात के इंद्रोडा और बालासिनोर, लखनऊ का जुरासिक पार्क, दिल्ली और हल्द्वानी में डायनासोर पार्क स्थापित हैं। राजगीर का यह पार्क बिहार को इस सूची में शामिल करेगा और राज्य के पर्यटन उद्योग को नई गति प्रदान करेगा।
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