बिहार की ऐतिहासिक नगरी राजगीर एक बार फिर तीन दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव की मेजबानी करने के लिए तैयार है। 19 दिसंबर से शुरू होने वाले इस भव्य आयोजन में बॉलीवुड के चर्चित गायक कैलाश खेर, सलमान अली और भाव्या पंडित अपनी मधुर आवाज से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगे। राजगीर महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों होगा। इस अवसर पर राज्य सरकार के कई मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। महोत्सव का आयोजन राजगीर स्थित कन्वेंशन सेंटर में किया जाएगा, जहां तीन दिनों तक संगीत और संस्कृति की त्रिवेणी बहती रहेगी। संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव होगी महोत्सव के पहले दिन 19 दिसंबर को मशहूर गायक कैलाश खैर राजगीर की वादियों को अपने गीतों से गुंजायमान करेंगे। ‘तेरी दीवानी’, ‘अल्लाह के बंदे’ और ‘साइयां’ जैसे सुपरहिट गानों के गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति निश्चित रूप से संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव होगी। दूसरे दिन 20 दिसंबर को इंडियन आइडल फेम गायक सलमान अली अपनी जादुई आवाज से समारोह को सजाएंगे। युवा पीढ़ी में अत्यधिक लोकप्रिय सलमान अली की उपस्थिति महोत्सव में चार चांद लगा देगी। समापन दिवस 21 दिसंबर को गायिका भाव्या पंडित के मधुर स्वरों से महोत्सव का समापन होगा। उनकी प्रस्तुति इस सांस्कृतिक उत्सव को एक सुंदर और यादगार अंत देगी। 32 समितियों के सहयोग से तैयारी महोत्सव को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग के अधिकारी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस आयोजन के लिए 32 समितियों का गठन किया गया है और प्रत्येक समिति की निगरानी के लिए अधिकारियों की विशेष टीम तैनात की गई है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि महोत्सव का हर पहलू सुचारू रूप से संचालित हो। स्थानीय कलाकारों को भी मिलेगा मंच महोत्सव की खास बात यह है कि केवल बड़े कलाकारों को ही नहीं, बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं को भी अपनी कला प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। दिन के समय मुख्य कार्यक्रम स्थल और ग्रामश्री मेला में स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इसके अलावा विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा, जो युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा मौका देगा। 25 दिसंबर तक चलेगा ग्रामश्री मेला राजगीर महोत्सव का एक विशेष आकर्षण ग्रामश्री मेला है, जो हॉकी मैदान में आयोजित होगा। यह मेला महोत्सव से भी लंबा चलेगा और 25 दिसंबर तक जारी रहेगा। डीआरडीए डायरेक्टर अजीत कुमार प्रसाद के अनुसार, मेले में 270 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे। इन स्टॉलों में जिला स्तरीय विभागों के 30, जीविका के 80, उद्योग विभाग के 40, कृषि विभाग के 40, अल्पसंख्यक विभाग के विभिन्न उत्पादों के 40, पुस्तकों के 40 और व्यंजनों के 40 स्टॉल शामिल होंगे। देशभर के हस्तशिल्प का प्रदर्शन ग्रामश्री मेला को वास्तव में राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए विभिन्न राज्यों के स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को प्रदर्शित किया जाएगा। बिहार के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, झारखंड और असम जैसे राज्यों के विशिष्ट उत्पाद यहां उपलब्ध होंगे। मेले में असम का बांस शिल्प, हिमाचल का ऊनी कपड़ा, जम्मू-कश्मीर का प्रसिद्ध पश्मीना, सहारनपुर का फर्नीचर, राजस्थान का अचार, गुजरात का एप्लिक वर्क, झारखंड का बांस शिल्प, भदोही का कालीन, बनारसी साड़ी, बरेली का झुमका, और टीकमगढ़ का पीतल के उत्पाद भी उपलब्ध होंगे।
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