नालंदा जिला प्रशासन की ओर से राजगीर महोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी है। 19 से 21 दिसंबर तक महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव में 19 दिसंबर को प्रसिद्ध बॉलीवुड गायक कैलाश खेर अपनी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे। उद्घाटन की शाम शाम पूरी तरह से कैलाश खेर और उनके विख्यात बैंड ‘कैलासा’ के नाम समर्पित रहेगी। जिला प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, इस वर्ष महोत्सव का शुभारंभ सूफी संगीत की रूहानी परंपरा के साथ किया जाएगा। कैलाश खेर के आगमन की खबर से न केवल नालंदा, बल्कि पूरे बिहार के संगीत प्रेमियों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। 2013 की यादगार शाम की पुनरावृत्ति राजगीर के संगीत प्रेमियों के लिए कैलाश खेर की यह वापसी पुरानी यादों को ताजा करने जैसी है। इससे पहले दिसंबर 2013 में उन्होंने राजगीर महोत्सव में शिरकत की थी। उस समय प्रख्यात गायिका कविता सेठ के साथ उनकी जुगलबंदी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था। सूफी संगीत की ऊंचाइयों को छूती उनकी प्रस्तुति और भावनात्मक काव्य का वह अद्भुत संगम आज भी राजगीर महोत्सव के इतिहास के सुनहरे पलों में गिना जाता है। आध्यात्मिक नगरी में सूफी रंग जिला प्रशासन के विशेष आमंत्रण पर राजगीर पहुंच रहे कैलाश खेर अपनी विशिष्ट सूफी शैली और भावपूर्ण गायकी के लिए देशभर में जाने जाते हैं। उनके सुपरहिट गीत ‘तेरी दीवानी’, ‘अल्लाह के बंदे हैं हम’, ‘सैयां’ और ‘चक दे इंडिया’ हर वर्ग और हर उम्र के श्रोताओं के दिलों में बसे हुए हैं। ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध राजगीर के प्राकृतिक माहौल में उनकी सूफी गायकी निश्चित रूप से चार चांद लगाने वाली है। बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की धरती पर सूफी संगीत की यह प्रस्तुति एक अनोखा सांस्कृतिक संगम प्रस्तुत करेगी। बैंड कैलासा की खासियत कैलाश खेर ने अपने बैंड ‘कैलासा’ की स्थापना पारंपरिक भारतीय संगीत और समकालीन ध्वनियों के अद्भुत मिश्रण के साथ की थी। यह बैंड अपनी ऊर्जावान प्रस्तुतियों और सूफी परंपरा के प्रति गहरी निष्ठा के लिए विश्वप्रसिद्ध है। 19 दिसंबर की शाम कैलासा की टीम के साथ कैलाश खेर राजगीर के दर्शकों को सूफी संगीत की गहराइयों में ले जाएंगे। महोत्सव की तैयारियां पूरी जिला प्रशासन ने राजगीर महोत्सव 2025 की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। जिला पर्यटन अधिकारी के अनुसार, इस बार के महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से कलाकार भाग लेंगे, लेकिन उद्घाटन की शाम कैलाश खेर की सूफी प्रस्तुति विशेष आकर्षण रहेगी। महोत्सव स्थल पर बड़े पैमाने पर व्यवस्थाएं की गई हैं। हजारों दर्शकों के बैठने की उचित व्यवस्था, ध्वनि और प्रकाश की आधुनिक सुविधाएं, तथा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन ने पर्यटकों के लिए विशेष आवास और परिवहन की भी व्यवस्था की है।
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