राजगीर स्थित बिहार पुलिस अकादमी के विस्तार की योजना को लेकर स्थानीय किसानों और प्रशासन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। राजगीर अंचल के कटारी मौजा (वार्ड 14) में 22 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किए जाने की योजना पर प्रभावित 35 रैयतों ने तीखा विरोध जताया है। बाजार दर के अनुसार मुआवजे की मांग की है। चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना की ओर से किए गए सामाजिक प्रभाव आकलन की रिपोर्ट में सामने आया है कि अधिकतर प्रभावित किसान जमीन देने में असमर्थता जता रहे हैं। उनका कहना है कि इलाके में जमीन की कीमतें काफी बढ़ गई हैं और वर्तमान बाजार दर 10 से 15 लाख रुपए प्रति डिसमिल तक पहुंच गई है। किसानों का आग्रह है कि सरकार यदि उन्हें इसी दर से मुआवजा देती है, तभी वे जमीन देने पर विचार करेंगे। सरकार ने दी 12 करोड़ की मंजूरी राज्य सरकार इस परियोजना को लेकर गंभीर है और इसके लिए 12.06 करोड़ रुपए की मंजूरी दे चुकी है। गृह विभाग ने भूमि अधिग्रहण के लिए पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त भी जारी कर दी है। हालांकि, जन-सुनवाई के दौरान प्रभावित रैयतों ने इस योजना का जमकर विरोध किया है। किसानों का गंभीर आरोप स्थानीय किसानों का आरोप है कि परियोजना का निर्माण मुख्य सड़क (राजगीर-गया) के किनारे आसानी से हो सकता था, लेकिन प्रशासन ने एक निजी विद्यालय को बचाने के लिए जानबूझकर आबादी वाली रैयती जमीन को चिह्नित किया है। किसानों का कहना है कि वे इसी जमीन पर खेती करके अपने परिवारों का भरण-पोषण करते हैं और इसके अधिग्रहण से उनकी आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार अंचलाधिकारी ने तर्क दिया है कि वैकल्पिक जगह मोरा गांव में अधिग्रहण करने से आवासीय मकान टूटते, जबकि कटारी मौजा में परती जमीन उपलब्ध है, इसलिए इसे प्राथमिकता दी गई। रिपोर्ट में अंततः यह निष्कर्ष दिया गया है कि व्यापक लोकहित में यह परियोजना अनिवार्य है। 4000 सिपाहियों को एक साथ मिलेगी ट्रेनिंग विस्तार योजना के तहत अकादमी में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जाएंगे। फिलहाल यहां केवल डीएसपी रैंक के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन नई जमीन मिलने और बुनियादी सुविधाएं बहाल होने के बाद यहां डीएसपी और सब-इंस्पेक्टर के साथ-साथ 4000 सिपाहियों को भी एक साथ प्रशिक्षण दिया जा सकेगा। नई योजना में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और भीड़ कम करने के लिए एक दूसरा प्रवेश द्वार, स्टाफ क्वॉर्टर, अकादमिक भवन और पासिंग आउट परेड के लिए विशाल ग्राउंड का निर्माण किया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार पुलिस में हर साल 10 से 12 हजार सिपाहियों की बहाली हो रही है, जिसके कारण एक बड़े और आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। देश की सर्वश्रेष्ठ अकादमियों में शुमार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2018 में 133 एकड़ में फैली इस अकादमी का उद्घाटन किया था। 177 करोड़ रुपए की लागत से बने इस भवन और 29 करोड़ रुपए के उपस्कर के साथ स्थापित यह अकादमी अपनी उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग के लिए पूरे देश में जानी जाती है। इसे पूर्वी भारत में डीएसपी की ट्रेनिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण केंद्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुका है। अकादमी का भवन बिहार की पहली ग्रीन बिल्डिंग है और पूरा कैंपस ईको-फ्रेंडली है। बाहरी साज-सज्जा से लेकर पढ़ाई के मामले में यह देश का अनूठा पुलिस प्रशिक्षण संस्थान माना जाता है। अपराध के बढ़ते दायरे और बदलते स्वरूप के अनुरूप यहां पुलिस ट्रेनिंग के साथ-साथ शोध की भी व्यवस्था की गई है। संक्षेप में राजगीर पुलिस अकादमी कुल जमीन: 133 एकड़ भवन निर्माण की लागत: 177 करोड़ रुपए उपस्कर की लागत: 29 करोड़ रुपए शिलान्यास: 13 अगस्त 2010 उद्घाटन: 03 दिसंबर 2018 प्रस्तावित विस्तार: 22 एकड़ अतिरिक्त भूमि
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