नालंदा जिले के राजगीर में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में बुधवार को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। केंद्रीय विद्यालय संगठन के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में आगरा, बनारस, भुवनेश्वर, रांची और पटना संभाग के विभिन्न केंद्रीय विद्यालयों से चयनित कुल 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय विद्यालय संगठन मुख्यालय के संयुक्त आयुक्त सोमित श्रीवास्तव ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि किसी भी विद्यालय का प्रभावी संचालन तभी संभव है जब वहां सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और निष्पक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। श्रीवास्तव ने प्राचार्यों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्राचार्यों को न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता सुनिश्चित करनी होती है, बल्कि प्रशासनिक और अनुशासनात्मक मामलों में भी संतुलित एवं न्यायपूर्ण निर्णय लेने होते हैं। संयुक्त आयुक्त ने सतर्कता मामलों के उचित एवं नियम सम्मत क्रियान्वयन के लिए नियमित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे निर्णय प्रक्रिया में आत्मविश्वास बढ़ता है और प्रभावशाली नेतृत्व का निर्माण होता है। अपने अनुभवों को साझा करते हुए, उन्होंने प्राचार्यों को सलाह दी कि वे शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और अन्य हितधारकों से प्राप्त शिकायतों की निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध जांच करें। साथ ही, नियमों के अनुरूप उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अनावश्यक और जल्दबाजी में की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही से कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक परेशानी हो सकती है। इसका सीधा प्रतिकूल प्रभाव विद्यार्थियों की शिक्षा पर पड़ता है। श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि प्रत्येक निर्णय मानवीय दृष्टिकोण, संवेदनशीलता और विवेक के साथ लिया जाना चाहिए।प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रशासनिक दक्षता और नेतृत्व कौशल से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
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