राजगीर स्थित आयुध निर्माणी को उड़ाने की धमकी भरे ई-मेल के मामले में अब दोहरी जांच शुरू हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा प्रारंभिक तहकीकात पूरी करने के बाद अब बिहार पुलिस ने भी समानांतर रूप से गहन जांच शुरू कर दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मामले को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। 5 दिसंबर 2025 को सुबह करीब नौ बजे नालंदा आयुध निर्माणी राजगीर के अधिकारियों को तमिलनाडु के रामनाथपुरम मंडपम से एक धमकी भरा ई-मेल प्राप्त हुआ। इस ई-मेल में न केवल फैक्ट्री को क्षतिग्रस्त करने की धमकी दी गई थी, बल्कि कुछ ऐसी संवेदनशील बातें भी लिखी गई थीं जिन्हें सुरक्षा कारणों से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। धमकी मिलते ही तत्काल केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचना दी गई। मंत्रालय के निर्देश पर बिहार पुलिस ने मामला दर्ज कर विशेषज्ञों की टीम गठित की और उच्चस्तरीय तकनीकी जांच शुरू कर दी। केंद्रीय एजेंसी ने पूरी की प्रक्रिया, लेकिन खुलासा नहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को ही अपनी तहकीकात की प्रक्रिया पूरी कर ली है। हालांकि, ई-मेल की तकनीकी जांच से जुड़े निष्कर्षों को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया में बिहार पुलिस ने भी अहम भूमिका निभाई है। अब बिहार पुलिस अपने स्तर पर गैर तकनीकी और तकनीकी दोनों तरह की जांच कर रही है। गैर तकनीकी जांच लगभग पूरी हो चुकी है, जबकि तकनीकी विश्लेषण में कुछ समय लग सकता है। जांच में जुटी साइबर एक्सपर्ट और फोरेंसिक टीम मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और फॉरेंसिक लैब के एक्सपर्ट्स की दो अलग-अलग टीमें हर पहलू की सूक्ष्मता से जांच कर रही हैं। इन टीमों में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ-साथ राज्य स्तर के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। जांच में सबसे पहले आईपी एड्रेस के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि धमकी भरा ई-मेल मोबाइल फोन से भेजा गया था या कंप्यूटर से। सूत्रों का कहना है कि एक हफ्ते के भीतर ई-मेल भेजने वाले की पहचान हो सकती है और उसे पकड़ा जा सकेगा। 1100 कर्मियों व 700 परिवारों की सुरक्षा चुनौती आयुध फैक्ट्री परिसर में लगभग 600 सरकारी और 500 से अधिक गैर-सरकारी कर्मचारी काम करते हैं। इसके अलावा कैंपस में 700 आवासीय परिवार भी रहते हैं। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सतर्कता का स्तर बढ़ा दिया गया है। सभी कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति पर पैनी नजर रखें और तुरंत सूचना दें। पूरे परिसर में चौकसी बढ़ा दी गई है। छह माह पहले भी मिली थी धमकी गौरतलब है कि करीब छह महीने पहले भी नालंदा आयुध निर्माणी को बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल मिला था। उस समय गाजियाबाद के पास स्थित मुरादपुर आयुध निर्माणी को भी समान ई-मेल भेजा गया था। तब भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले को गंभीरता से लिया था और जांच की थी। अधिकारियों का दावा: जल्द होगा खुलासा राजगीर के एसडीपीओ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपना काम पूरा कर लिया है। लेकिन बिहार पुलिस भी अपनी ओर से मामले की तकनीकी और गैर तकनीकी जांच कर रही है। उम्मीद है कि एक हफ्ते के भीतर बिहार पुलिस मामले की तह तक पहुंच जाएगी।
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