नालंदा जिले के छबीलापुर थाना क्षेत्र स्थित राजगीर प्राइवेट आईटीआई के छात्र-छात्राओं ने संस्थान छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठाई, जिसके बाद प्रबंधन ने सभी छात्र-छात्राओं को सामान सहित परिसर से बाहर निकाल दिया। अभिभावकों को सूचना मिलने पर वे भी मौके पर पहुंचे। छात्र-छात्राएं अपने मूल प्रमाण पत्र और डीआरसीसी में दर्ज रसीद वापस करने की मांग कर रहे थे। छात्र-छात्राओं ने आईटीआई के प्रिंसिपल पिंकू सिंह पर बदसलूकी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रिंसिपल देर रात छात्राओं को अपने कमरे में बुलाते हैं और उनके साथ अभद्रता करते हैं। प्रिंसिपल पर बदतमीजी का आरोप छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रिंसिपल उनके साथ भी बदतमीजी से पेश आते हैं, जिससे छात्राएं खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसके अतिरिक्त, छात्रों ने आरोप लगाया कि संस्थान उनके डीआरसीसी के माध्यम से मिलने वाले स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड से नाजायज तरीके से राशि निकालने का प्रयास कर रहा है। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद छात्र-छात्राओं को मिले प्रमाण पत्र घटना की जानकारी मिलने पर राजगीर और छबीलापुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद देर शाम करीब दस बजे अधिकांश छात्र-छात्राओं के प्रमाण पत्र और डीआरसीसी की रसीद वापस कर दी गई, जिसके बाद मामला शांत हुआ। राजगीर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर रमन कुमार ने बताया कि यह मामला खाने के पैसे से जुड़ा था। उन्होंने अभद्रता की बातों को बेबुनियाद बताया और कहा कि प्रिंसिपल द्वारा खाने के एवज में मासिक पांच हजार रुपए की मांग किए जाने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई थी।
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