सिटी रिपोर्टर| नवादा जिले में रबी और खरीफ मौसम के दौरान किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने को लेकर प्रशासन ने निगरानी तंत्र को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय उर्वरक निगरानी समिति की बैठक में उर्वरक उपलब्धता, खपत, भंडारण और वितरण व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में एजेंडा के सभी बिंदुओं पर क्रमवार चर्चा करते हुए आपूर्ति व्यवस्था को पारदर्शी बनाने पर विशेष जोर दिया गया। बैठक में बताया गया कि रबी वर्ष 2025-26 के लिए जिले की 187 पंचायतों हेतु यूरिया 20 हजार मीट्रिक टन, डीएपी 4 हजार मीट्रिक टन, एनपीके 25 सौ मीट्रिक टन, एमओपी 1 हजार मीट्रिक टन तथा एसएसपी 25 सौ मीट्रिक टन की आवश्यकता निर्धारित की गई है। इस लक्ष्य के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अग्रिम योजना बनाई जा रही है। खरीफ 2025-26 की स्थिति प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि यूरिया की 19 हजार 5 सौ मीट्रिक टन आवश्यकता के विरुद्ध कुल उपलब्धता 3 हजार 703 मीट्रिक टन रही, जिसमें से 2 हजार 117 मीट्रिक टन की खपत हुई और बिक्री केंद्रों पर 1 हजार 586 मीट्रिक टन भंडार शेष है। इसी प्रकार डीएपी की 3 हजार 5 सौ मीट्रिक टन आवश्यकता के मुकाबले 3 हजार 407 मीट्रिक टन उपलब्ध रहा, जिसमें से 2 हजार 578 मीट्रिक टन की खपत हुई। एनपीके के तहत 4 हजार मीट्रिक टन आवश्यकता के विरुद्ध 3 हजार 604 मीट्रिक टन उपलब्ध रहा, जबकि एमओपी और एसएसपी की उपलब्धता भी आवश्यकता के आसपास रही। उर्वरक वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिले में लगातार छापेमारी अभियान चलाया गया। खरीफ मौसम में कुल 269 दुकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें 27 मामलों में नियमितता पकड़ी गई। इस दौरान 2 अनुज्ञप्तियां रद्द और 4 निलंबित की गईं। वहीं रबी मौसम में अब तक 60 छापेमारी हुई, जिनमें 3 मामलों में अनियमितता पाई गई और 3 अनुज्ञप्तियां निलंबित की गईं। वर्तमान में जिले में 734 खुदरा उर्वरक विक्रेता और 32 पैक्स कार्यरत हैं। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि जिले में उपलब्ध सभी उर्वरकों की अद्यतन स्थिति नियमित रूप से जिला जालस्थल पर डाली जाए, ताकि किसानों को सही और समय पर जानकारी मिल सके। साथ ही कालाबाजारी, ओवररेटिंग और अवैध भंडारण पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए गए।
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