जहानाबाद जिले के रतनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में कागजों पर कैटीन चल रही है। कैंटीन नहीं होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।मरीजों के लिए सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क भोजन व्यवस्था होती है, लेकिन रतनी स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को खाना नहीं मिल रहा है। नीलम कैंटीन ने बैजू नाम के व्यक्ति को कैंटीन चलाने का जिम्मा दिया अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों को भोजन के लिए बाहर से व्यवस्था करनी पड़ रही है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने कैंटीन नीलम नाम की एजेंसी को सौंपा था। मई 2025 में नीलम कैंटीन के मैनेजर मनीष कुमार ने बैजू नाम के व्यक्ति को कैंटीन चलाने की जिम्मेदारी दे दी, लेकिन बैजू कैंटीन नहीं चला पा रहा है। मरीज बाहर से खरीदकर खा रहे खाना अस्पताल में भर्ती मरीज सुमन कुमारी ने बताया कि उन्हें अब तक न तो नाश्ता मिला है और न ही भोजन। मरीजों और उनके परिजनों का आरोप है कि उन्हें मजबूरन बाहर से खाना खरीदना पड़ता है, जिससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन ने नीलम कैंटीन पर कार्रवाई क्यों नहीं की? ऐसे में सवाल उठता है कि दूसरे अस्पताल में मरीजों को निशुल्क भोजन की व्यवस्था चल रही है, तो रतनी स्वास्थ्य केंद्र में क्यों नहीं चल रही है। नीलम कैंटीन ने अस्पताल प्रबंधन के बिना इजाजत बैजू नाम के व्यक्ति को कैसे कैंटीन चलाने को दे दिया। वहीं, अस्पताल प्रबंधन ने इस पर नीलम कैंटीन पर कार्रवाई क्यों नहीं की। अस्पताल प्रबंधन और नीलम कैंटीन की सांठगांठ के कारण मरीजों को भोजन उपलब्ध नहीं हो रहा है। अस्पताल में निशुल्क भोजन व्यवस्था नहीं दूसरी ओर, अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रंजीत कुमार ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में अस्पताल में नि:शुल्क भोजन व्यवस्था नहीं है। उल्लेखनीय है कि जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, विशेषकर पास के शकूराबाद अस्पताल में नि:शुल्क भोजन व्यवस्था नियमित रूप से चल रही है, तो रतनी अस्पताल में इस व्यवस्था को लागू क्यों नहीं किया गया है।
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