रतनी प्रखंड के राकासिया परिसर में पशु बांझपन माह शिविर का आयोजन किया गया है। डेयरी, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार, पटना द्वारा आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 कार्यक्रम के तहत यह शिविर 19 दिसंबर को शुरू हुआ। इसका नेतृत्व डॉ. मृत्युंजय कुमार कर रहे हैं। शिविर में बड़ी संख्या में स्थानीय पशुपालकों ने भाग लिया। विभाग के अनुभवी पशु चिकित्सकों और तकनीकी कर्मियों ने पशुओं की स्वास्थ्य जांच की। बांझपन से ग्रसित पशुओं को निःशुल्क उपचार और परामर्श प्रदान किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य पशुओं में बढ़ती बांझपन की समस्या की पहचान कर समय पर उसका समाधान करना है। साथ ही, पशुपालकों को जागरूक करना है ताकि पशुपालन को अधिक लाभकारी बनाया जा सके। इस अवसर पर डॉ. मृत्युंजय कुमार ने बताया कि पशुओं में बांझपन एक गंभीर समस्या है, जिसका सीधा असर पशुपालकों की आय पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि ऐसे शिविरों के माध्यम से न केवल पशुओं का इलाज किया जा रहा है, बल्कि पशुपालकों को वैज्ञानिक तरीके से पशु देखभाल की जानकारी भी दी जा रही है। डॉ. कुमार ने पशुपालकों से अपील की कि वे ऐसे सरकारी कार्यक्रमों का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और नियमित रूप से अपने पशुओं की जांच कराएं।
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