जहानाबाद के रतनी फरीदपुर प्रखंड में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत धान अधिप्राप्ति कार्यक्रम में उत्पन्न गंभीर समस्याओं को लेकर शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह बैठक प्रखंड अंतर्गत शकूराबाद एक हॉल में आयोजित की गई, जिसमें सभी पंचायतों के पैक्स अध्यक्ष और प्रबंधक शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता नोआवां पैक्स के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने की। टैगिंग में मनमानी करने का आरोप बैठक में पैक्स अध्यक्षों ने जहानाबाद के जिला सहकारिता पदाधिकारी पर मिल टैगिंग में मनमानी करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि पैक्स और मिलरों की सहमति तथा मिलों की क्षमता का आकलन किए बिना ही मनपसंद मिलरों के साथ टैगिंग कर दी गई है, जिससे धान अधिप्राप्ति का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उत्पादित धान की गुणवत्ता जांच में लापरवाही इसके अतिरिक्त, किसानों द्वारा उत्पादित धान की गुणवत्ता जांच को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की गई। पैक्स अध्यक्षों ने बताया कि बार-बार आग्रह के बावजूद विभाग ने धान की गुणवत्ता जांच के लिए अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं की है, जिससे किसानों और पैक्स दोनों को परेशानी हो रही है। कम लक्ष्य निर्धारण से किसानों में आक्रोश बैठक में यह जानकारी भी दी गई कि खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के पत्र के अनुसार, जहानाबाद जिले के लिए धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य मात्र 5647.2 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। यह लक्ष्य पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम है, जिसके कारण किसान अपना पूरा धान पैक्स में नहीं बेच पा रहे हैं और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। पैक्स प्रतिनिधियों ने कसवां पैक्स के लक्ष्य को 22 प्रतिशत से घटाकर 11 प्रतिशत कर दिए जाने को भी अन्यायपूर्ण बताया। इन सभी मुद्दों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए रतनी फरीदपुर प्रखंड के सभी पैक्स अध्यक्षों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक जिला स्तर पर इन समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक प्रखंड में धान अधिप्राप्ति का कार्य पूरी तरह बंद रहेगा। बैठक में नारायणपुर पैक्स अध्यक्ष नीतीश कुमार, अईरा पैक्स अध्यक्ष रजनीश कुमार, उचिटा पैक्स अध्यक्ष रंजीत कुमार सहित सभी पंचायतों के पैक्स अध्यक्ष उपस्थित थे।
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