मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड के ऊ.म.वि. रतनपुर पूर्वी में सोमवार, 8 दिसंबर को मिड डे मील में छिपकली मिलने के बाद 44 बच्चे बीमार पड़ गए। बच्चों को सिरदर्द, उल्टी और पेट दर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) सरैया में भर्ती कराया गया। सभी बच्चों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बच्चे ने गलती से सब्जी समझकर खाया पीड़ित बच्चों ने बताया कि विद्यालय में दाल, चावल और सब्जी परोसी गई थी। भोजन करते समय एक बच्चे की थाली में मृत छिपकली मिली। बच्चे ने गलती से उसे सब्जी समझकर मुंह में डाल लिया, तब उसे छिपकली होने का एहसास हुआ। इस दौरान लगभग पांच दर्जन बच्चे भोजन कर रहे थे। छात्रों में पेट दर्द, सिर चकराना और उल्टी जैसे लक्षण दिखने लगे घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी शिक्षिका ने तुरंत शेष भोजन को फेंकवा दिया। जिन छात्रों ने भोजन कर लिया था, उनमें देखते ही देखते पेट दर्द, सिर चकराना और उल्टी जैसे लक्षण दिखने लगे। स्कूल के शिक्षकों ने बिना देर किए सभी बीमार बच्चों को सीएचसी सरैया पहुंचाया। अभिभावकों में मचा हड़कंप जैसे ही यह खबर गांव में फैली, अभिभावकों में हड़कंप मच गया। वे तुरंत सीएचसी सरैया पहुंचे और अपने बच्चों का हाल जाना। अभिभावकों ने विद्यालय के शिक्षकों के प्रति गहरी नाराजगी व्यक्त की। सभी बच्चे सभी खतरे से बाहर सूचना मिलने पर नव निर्वाचित राजद विधायक शंकर प्रसाद यादव भी सीएचसी पहुंचे। उन्होंने बीमार बच्चों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना और चिकित्सा अधिकारी से उचित इलाज सुनिश्चित करने को कहा। चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीसी शर्मा ने पुष्टि की कि कुल 44 बच्चों का इलाज किया गया है और सभी खतरे से बाहर हैं। मिड डे मील की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल इस घटना ने सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर इन विद्यालयों में गरीब और मजदूर वर्ग के बच्चे ही पढ़ते हैं। घटना के बाद यह सवाल उठ रहा है कि इस लापरवाही का दोषी कौन है, क्योंकि विद्यालय में बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रधान अध्यापक की होती है।
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