रजौन प्रखंड की ओड़हरा पंचायत के वार्ड नंबर 13 स्थित जगदीशपुर गांव में जल मीनार के निर्माण स्थल को लेकर विवाद गहरा गया है। ग्रामीणों ने पीएचडी विभाग पर मनमाने तरीके से जल मीनार का स्थान बदलने का आरोप लगाया है। इस संबंध में सैकड़ों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपकर शिकायत की है। नए जल मीनार का स्थान बदलने से 70-80 घरों को नहीं मिलेगा पानी ग्रामीणों में सुमन प्रभाकर, कैलाश गुप्ता, मनीष कुमार, रमन कुमार, राजेश कुमार, शंभू, सुखदेव, जितेंद्र कुमार गुप्ता, मीना देवी, सोनी कुमारी और प्रदीप शर्मा सहित कई लोगों ने बताया कि जगदीशपुर गांव में नए जल मीनार के निर्माण का निर्णय इसलिए लिया गया था, ताकि उन 70 से 80 घरों को पेयजल उपलब्ध कराया जा सके, जिन्हें पुराने जल मीनार से नल का जल नहीं मिल पा रहा था। ये परिवार पानी की कमी के कारण काफी परेशानियों का सामना कर रहे थे। विभाग पर मनमानी का आरोप, ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचडी विभाग के ठेकेदार और कनीय अभियंता ने अंचल से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिए बिना तथा मुखिया और वार्ड सदस्य को सूचित किए बिना ही पुराने जल मीनार के पास ही नए जल मीनार का निर्माण शुरू कर दिया है। इस मनमानी के कारण जिन घरों को पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नई जल मीनार की स्वीकृति दी गई थी, उन्हें फिर से योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण स्थल में बदलाव नहीं किया गया, तो समस्या बनी रहेगी और वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे। स्थानीय मुखिया प्रवीण कुमार सिंह ने भी इन आरोपों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि विभाग की मनमानी के कारण लगभग 80 घरों को नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि नल-जल योजना का वास्तविक उद्देश्य पूरा हो सके।
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