चौसा रेलवे स्टेशन से जुड़ी वर्षों पुरानी जनसमस्याओं को लेकर मंगलवार से जारी चौसा रेल यात्री संघर्ष मोर्चा का अनशन–प्रदर्शन देर रात समाप्त हो गया। डीआरएम द्वारा मोबाइल मैसेज के माध्यम से लिखित आश्वासन दिए जाने के बाद आंदोलनकारियों ने अनशन समाप्त करने पर सहमति जताई। डीआरएम ने संघर्ष समिति के मांग-पत्र का अवलोकन करते हुए मांगों को जायज बताया तथा शांतिपूर्ण और अनुशासित आंदोलन की सराहना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि मांग-पत्र को उच्च विभाग को अग्रसारित कर दिया गया है। लिखित आश्वासन मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में अनशन समाप्त कराने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान थानाध्यक्ष शम्भू भगत, दंडाधिकारी सह कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार, आरपीएफ अधिकारी एवं स्टेशन मास्टर द्वारा आंदोलन के नेता डॉ. मनोज कुमार यादव को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराया गया और आंदोलन समाप्ति की घोषणा की गई। गौरतलब है कि ऐतिहासिक, धार्मिक एवं औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चौसा क्षेत्र की लगातार हो रही अनदेखी के विरोध में रेलवे यात्री संघर्ष समिति द्वारा चौसा रेलवे स्टेशन परिसर में अनशन एवं प्रदर्शन किया गया था। आंदोलन का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार यादव ने किया। आंदोलन के दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और यात्री संघर्ष मोर्चा के सदस्य मौजूद रहे और अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाई। संघर्ष समिति की प्रमुख मांगों में चौसा स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं की बहाली, श्रमजीवी एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, जनशताब्दी एक्सप्रेस एवं हावड़ा–अमृतसर एक्सप्रेस का ठहराव तथा 53202/53201 बक्सर–पटना फास्ट पैसेंजर ट्रेन का चौसा स्टेशन तक विस्तार शामिल है। आंदोलनकारियों का कहना है कि चौसा जैसे ऐतिहासिक और औद्योगिक क्षेत्र को पर्याप्त रेलवे सुविधाओं से वंचित रखना स्थानीय जनता के साथ अन्याय है। संघर्ष समिति ने उम्मीद जताई है कि डीआरएम के लिखित आश्वासन के बाद रेलवे प्रशासन शीघ्र सकारात्मक कदम उठाएगा और वर्षों से लंबित मांगों पर ठोस कार्रवाई होगी। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि तय समय में प्रगति नहीं हुई तो आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
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