मोतिहारी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) इकाई ने एमएस कॉलेज के मुख्य गेट के बाहर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) परीक्षा केंद्र को एमएस कॉलेज परिसर में ही बनाए जाने की मांग को लेकर था। छात्रों का कहना था कि हर बार परीक्षा देने के लिए बाहर जाना पड़ता है, जिससे आवाजाही में परेशानी और अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता है। छात्र संगठन ने यह भी बताया कि दूरस्थ केंद्रों पर परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक होने जैसी शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं, जिससे छात्र काफी चिंतित रहते हैं। एबीवीपी के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में छात्र धरना स्थल पर मौजूद थे। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ अपनी समस्याएं रखते हुए कहा कि मोतिहारी जैसे बड़े जिले में पीजी की परीक्षा बाहर आयोजित करना छात्रों के साथ अन्याय है। परीक्षा नियंत्रक मौके पर पहुंचे आंदोलन की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक मौके पर पहुंचे और छात्रों की मांग पर उनसे बातचीत की। परीक्षा नियंत्रक ने छात्रों को आश्वासन दिया कि उनकी मांग न्यायोचित है। हालांकि, उन्होंने बताया कि स्नातकोत्तर सेमेस्टर-II 2025 (सत्र 2024–2026) की मौजूदा परीक्षा 24 नवंबर से शुरू होनी है और इसकी सभी तैयारियां पहले से पूरी कर ली गई हैं। धरना समाप्त करने का आग्रह किया परीक्षा नियंत्रक ने स्पष्ट किया कि ऐसे में अभी परीक्षा केंद्र बदलने से संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और सत्र में विलंब की संभावना बढ़ जाएगी। उन्होंने छात्रों के हित, विश्वविद्यालय के हित और सत्र को नियमित रखने के उद्देश्य से फिलहाल केंद्र परिवर्तन संभव न होने की बात कही और धरना समाप्त करने का आग्रह किया। महत्वपूर्ण मांग को गंभीरता से सुना गया उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आगामी सभी पीजी परीक्षाओं के केंद्र चंपारण जिले में ही बनाए जाएंगे, जिससे छात्रों को परेशानी नहीं होगी। परीक्षा नियंत्रक की बातों से संतुष्ट होकर एबीवीपी के छात्रों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी महत्वपूर्ण मांग को गंभीरता से सुना गया और सकारात्मक जवाब मिला, जो सराहनीय है।
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