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मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार में अंतिम वसीयत को लेकर विवाद:बेटियों का कोर्ट में दावा- पिता अरविंद सिंह शराब पीने के आदी व मानसिक बीमार थे

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य रहे अरविंद सिंह मेवाड़ की अंतिम वसीयत को लेकर चल रहे नए कानूनी विवाद में चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। अरविंद सिंह की छोटी बेटी पद्मजा व बड़ी बेटी भार्गवी कुमारी ने कोर्ट में पेश किए दस्तावेजों में अपने पिता को शराब पीने का आदी व मानसिक रूप से पूरी तरह अस्वस्थ बताया है। दोनों बेटियों ने मुंबई हाईकोर्ट में दायर याचिका में इन्हीं को आधार बनाते हुए अंतिम वसीयत को चुनौती दी है। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ बोले- मेरी बहनों को श्रीएकलिंगनाथजी कभी माफ नहीं करेंगे
पद्मजा-भार्गवी ने कोर्ट में दावा किया है कि उनके पिता शराब पीने के आदी होने के कारण सोचने-समझने व विवेकपूर्ण निर्णय लेने की स्थिति में ही नहीं थे। बहनों के इस आरोप पर भाई डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि संपत्ति के लालच में मेरी ही बहनें इतना गिर गईं कि उन्होंने पिता को ही शराब का आदी व मानसिक रूप से बीमार बता दिया। इससे मेरे मन को बहुत गहरा दुख पहुंचा है। लक्ष्यराज ने कहा कि लालन-पालन कर काबिल बनाने वाले देवतुल्य पिता की गरिमा को इस तरह से ठेस पहुंचाने वालों को परमेश्वर श्रीएकलिंगनाथजी कभी माफ नहीं करेंगे। सोमवार (29 दिसंबर) को दैनिक भास्कर ने भार्गवी कुमारी और पद्मजा कुमारी से उनके इन दावों पर सवाल किया। उन्होंने नो-कमेंट कहा है। पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन 16 मार्च 2025 को हो गया था। इससे पहले उन्होंने 7 फरवरी को वसीयत बनाकर सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें संपत्तियों का एकमात्र उत्तराधिकारी बेटे लक्ष्यराज सिंह को बनाया था। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में 12 जनवरी को सुनवाई होगी। लक्ष्यराजसिंह बोले- बहनों ने पिता की गरिमा को ठेस पहुंचाई
अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह ने हाईकोर्ट में पेश किए एफिडेविट में बताया कि उनके पिता मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ थे। बहन पद्मजा कुमारी व भार्गवी कुमारी ने अगस्त 2024 व दिसंबर 2024 में कुछ कंपनियों के शेयर पिता अरविंद सिंह को गिफ्ट दिए। पिता ने जिंदा रहते उन्हें स्वीकार कर गिफ्ट डीड पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद जनवरी 2025 को दोनों बहनों (भार्गवी-पद्मजा) ने पिता अरविंद सिंह के कहने पर जिन चार कंपनियों में उन्हें डायरेक्टर बनाया था, उन कंपनियों के निदेशक पदों से दोनों ने पिता के जिंदा रहते ही इस्तीफा दे दिया था। बेटियों ने पिता की स्व अर्जित संपत्तियों में मांगा है हिस्सा
अरविंद सिंह मेवाड़ की दोनों बेटियों ने कोर्ट में पिता की संपत्तियों पर दावा किया है। उनकी संपत्तियों में शिकारबाड़ी की भूमि, मुंबई स्थित मेवाड़ हाउस के छठे माले का आधा हिस्सा, मुंबई में ही स्थित दार्जिलिया हाउस सहित अन्य संपत्तियां शामिल हैं। अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन इसी साल 16 मार्च को हुआ था। इसी के 15 दिन बाद वसीयत पर विवाद की शुरुआत हो गई थी। मुंबई-जोधपुर हाईकोर्ट के केस दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर, 12 को सुनवाई
मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की संपत्ति को लेकर छोटी बेटी पद्मजा और बड़ी बेटी भार्गवी कुमारी ने सुप्रीम कोर्ट तक में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जोधपुर-मुंबई हाईकोर्ट में वसीयत से संबंधित पेंडिंग सभी मामलों को दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर सभी पक्षकारों को 12 जनवरी 2026 को दिल्ली हाईकोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। अरविंद सिंह के बेटे डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने इसी वसीयत के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर में प्रशासन पत्र जारी कराने के लिए याचिका दायर की थी। एक ही वसीयत से जुड़े मुकदमे अलग-अलग हाईकोर्ट में पेंडिंग होने पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मुंबई हाईकोर्ट में पेंडिंग प्रकरण को जोधपुर ट्रांसफर करने की अर्जी लगाई। पद्मजा व भार्गवी ने जोधपुर हाईकोर्ट में चल रहे मामले को मुंबई भेजने की मांग की थी। — पूर्व राजपरिवार में विवाद की यह खबर भी पढ़िए… उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में संपत्ति विवाद:लक्ष्यराज की बहन ने अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को किया चैलेंज; दिल्ली हाईकोर्ट में चलेगा केस उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में चल रहा संपत्ति विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में अरविंद सिंह मेवाड़ की वसीयत को चुनौती दी गई है। विवाद पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और बेटी पद्मजा कुमारी परमार के बीच है। (पूरी खबर पढ़ें)


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