सागर सड़क हादसे में जान गंवाने वाले मुरैना पुलिस के चार जवानों की पार्थिव देह देर रात करीब 2 बजे मुरैना पहुंची। इन्हें पुलिस लाइन में रखवाया गया है। आज गुरुवार को चंबल आईजी सचिन अतुलकर और डीआईजी सुनील कुमार जैन समेत जिले के तमाम पुलिस अधिकारी और कर्मचारी अपने साथियों को अंतिम विदाई देंगे। पुलिस सम्मान (गार्ड ऑफ ऑनर) के बाद सभी पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपे जाएंगे, जहां उनके गृह गांवों में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। हादसा बुधवार सुबह सागर जिले के बांदरी थाना क्षेत्र में हुआ था। मुरैना बीडीडीएस (बम निरोधक दस्ता) पुलिस टीम की गाड़ी (MP03 A 4883) सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई थी। ये सभी जवान बालाघाट में नक्सल विरोधी अभियान में अपनी ड्यूटी पूरी कर वापस मुरैना लौट रहे थे। 4 पुलिसकर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल आरक्षक राजीव चौहान को सागर से एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेजा गया है। DGP का फैसला- रात में लंबी दूरी के सफर पर रोक
इस दर्दनाक हादसे के बाद मध्य प्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना ने सभी जिलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। जारी पत्र में कहा गया है कि कोई भी पुलिस टीम, कर्मचारी या वीआईपी ड्यूटी के दौरान रात में लंबी दूरी का सफर तय नहीं करेगा। अति आवश्यक होने पर ही रात में सफर करें, अन्यथा रात होने पर वाहन चालक को नजदीकी पुलिस लाइन में विश्राम करवाया जाए। पड़ोसी बोले- कहा था बच्चों का ख्याल रखना
मृतकों में शामिल आरक्षक प्रद्युम्न दीक्षित मुरैना पुलिस लाइन के क्वार्टर्स में परिवार के साथ रहते थे। हादसे के बाद उनके पड़ोसियों ने नम आंखों से अपनी यादें साझा कीं (नाम न छापने की शर्त पर)। पहले पड़ोसी ने कहा- प्रद्युम्न दीक्षित हमारे सीनियर रहे हैं। 2014 से वह इसी क्वार्टर में रह रहे हैं, तब से हमारे पड़ोसी हैं। वह पड़ोसी नहीं परिवार की तरह ही सबसे मिलते थे, प्यार करते थे। खुशमिजाज इंसान थे। अभी बालाघाट में ड्यूटी के लिए 30 अक्टूबर को गए थे, तब मिलने आए और बोले- ‘मैं कुछ दिनों के लिए बालाघाट जा रहा हूं। घर का और बच्चों का ध्यान रखना। बच्चे बाहर सड़क पर अधिक ना निकलें, यह देखते रहना।’ अभी एक दिन पहले ही फोन पर बात हुई थी, बोल रहे थे कि कल आ जाऊंगा। पता नहीं था कि उनके हमेशा चले जाने की खबर आएगी। बच्चों के लिए ज्यादा चिंतित रहते थे प्रद्युम्न
दूसरे पड़ोसी ने कहा, वह हमारे भी सीनियर थे। मजाक बहुत करते थे, हमेशा खुशनुमा मुस्कुराता हुआ चेहरा रहता था। उन्हें देख ड्यूटी की थकान मिट जाती थी। काफी एनर्जेटिक बंदे थे। कभी एहसास नहीं हुआ कि वह पड़ोसी हैं या सीनियर हैं। हमेशा पारिवारिक स्नेह की तरह ही मिलते थे। बच्चों के लिए अधिक चिंतित रहते थे। सभी क्वार्टर्स के बच्चों को स्नेह करना, समझाइश देना, पढ़ाई की बातें करना यही खास था उनमें। दो दिन पहले फोन आया था। घर के हालचाल पूछे और बोले- बस दो दिन बाद आ जाऊंगा फिर मिलकर बैठेंगे। पर पता नहीं था कि आखिरी बार उनकी आवाज सुन रहा हूं। अब उनके साथ बैठना सिर्फ सपना ही रह गया। हादसे के बाद की तस्वीरें… इन जांबाजों ने गंवाई जान 1. प्रधान आरक्षक परमाल सिंह तोमर (53) 2. आरक्षक प्रद्युम्न दीक्षित (43) 3. आरक्षक अनिल सिंह कौरव (41): 4. आरक्षक (डॉग मास्टर) विनोद शर्मा (39) घायल आरक्षक राजीव चौहान (44) एएसपी बोले- बेहद दुखद पल
मुरैना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, मुरैना पुलिस के लिए यह बेहद दुखद पल है। हमारे परिवार के चार साथी आज हादसे में नहीं रहे। सभी मृतक आरक्षकों को पहले पुलिस सलामी दी जाएगी, फिर उनके गृह गांवों पर उनका पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। ये खबर भी पढ़िए… एमपी में पुलिस वैन-कंटेनर की भिड़ंत, 4 जवानों की मौत सागर के नेशनल हाईवे-44 पर बांदरी के पास बुधवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हो गया। यहां तेज रफ्तार कंटेनर और पुलिस के वाहन में आमने-सामने की टक्कर हो गई। हादसे में पुलिस वाहन में सवार 4 जवानों की मौत हो गई, जबकि एक जवान गंभीर रूप से घायल है, जिसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल ले जाया गया। वहीं, टीम में शामिल डॉग सुरक्षित है। पूरी खबर पढ़िए….
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