‘मुझे इंसाफ चाहिए, मेरे पति ठग नहीं थे। वे किसी का पैसा लेकर भागे नहीं थे। ग्रामीण मेरे पति पर झूठा फ्रॉड का आरोप लगाकर एक महीने से टॉर्चर कर रहे थे। पिछले एक महीने में करीब 200 से अधिक लोग मेरे घर आए, जो मेरे पति से पैसे की डिमांड कर रहे थे। इसका CCTV भी है, जो मैंने पुलिस को सौंप दिया है। ग्रामीणों की टॉर्चर के कारण वो 12 अक्टूबर को घर से निकल कर गांव सफीयाबाद चले गए थे।’ ये कहना हैं पटना के होटल में सुसाइड करने वाले फाइनेंसर उमेश कुमार सिंह(52) की पत्नी बिन्नी सिंह की। इस घटना के बाद दैनिक भास्कर रिपोर्टर मुंगेर मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर बिंदवारा पहुंचे। यहां उमेश की पत्नी और भाई से बातचीत की। पढ़िए रिपोर्ट… उमेश सिंह सफियाबाद चौक के पास अपने भाई दीपक सिंह के साथ रहते थे। उनके घर में निजी स्कूल भी चल रहा है। उनके घर में सन्नाटा पसरा था। पत्नी के आंखों के आंसू सूखे नहीं थे। वहीं, उमेश के भाई-भाभी सदमें में बैठे दिखे। उमेश की पत्नी बिन्नी सिंह बताती हैं, ’16 अक्टूबर को मेरी पति से अंतिम बात हुई थी। उन्होंने बच्चों के बारे में पूछा था। करीब 10 मिनट बात करने के बाद फोन रख दिए थे। वो हमें अपनी परेशानियों के बारे में कुछ नहीं बताते थे। पिछले 3 महीने से गांव और आसपास के लोग पैसे वापस करने के लिए मेरे घर पर आ रहे थे। उनका घर में रहना, बाजार निकलना मुश्किल हो गया था। इसी बात से परेशान होकर वो गांव चले गए थे। मैं पुलिस और प्रशासन से न्याय की मांग करती हूं। मेरे पति के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए और लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इससे परेशान होकर उन्होंने पटना में आत्महत्या की है। आरोप लगाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। हमारा जीवन उजड़ गया। हमारे बच्चों का बचपन ही खत्म हो गया। मैं चाहती हूं कि मेरे पति के हत्यारे और प्रताड़ित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो।’ साजिश के तहत फ्रॉड का लगाया गया आरोप उमेश के भाई दीपक सिंह ने बताया कि वो एक ईमानदार और साधारण व्यक्ति था। यह आरोप साजिश के तहत लगाया गया, ताकि उमेश की छवि खराब की जा सके। उमेश सहारा इंडिया में एजेंट के रूप में काम करता था। जमीन खरीद-बिक्री का व्यवसाय भी करता था। ग्रामीण उमेश पर 250 करोड़ रुपए फ्रॉड करने का आरोप लगा रहे हैं तो वो राशि कहां से आई। उसने मेरे भाई को रुपए क्यों दिए। मेरा परिवार गलत काम में नहीं था शामिल उमेश की भाभी रानू सिंह ने बताया, बार-बार कुछ ग्रामीण उनके घर आकर रुपए लौटाने के दबाव डाल रहे थे। जबकि मेरा परिवार किसी भी गलत काम में शामिल नहीं था। उमेश सिंह के 3 बेटियां और एक बेटे हैं। गार्गी कुमारी(14), ईला कुमारी(12), मैत्री कुमारी(10) और अनंत आनंद (8) हैं। सुसाइड नोट में उमेश ने क्या लिखा… उमेश ने सुसाइड नोट में अपनी पत्नी का जिक्र करते हुए लिखा है, प्रिय बिन्नी मुझे माफ करना। मैं तुम्हें कुछ नहीं दे पाया। जो मैं आज करने जा रहा हूं। इससे तुम जीवन भर शर्मिंदा रहोगी। मैं बेबस हूं। मेरे पास इसके अलावा कोई विकल्प नहीं था। हो सके तो मुझे माफ कर देना। वहीं PM, मुख्यमंत्री और DM के नाम नोट में लिखा है, आदरणीय प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री/DM जी मैं निर्दोष हूं। मैं कोई ठग नहीं हूं। निष्पक्ष CBI जांच होगी तो मामले का खुलासा हो जाएगा। मैंने लोगों से रुपए ब्याज पर लगाने के लिए लिए थे, इस बारे में मेरे परिवार के लोगों को जानकारी नहीं है। 22 अक्टूबर की सुबह फंदे से लटकी मिली थी लाश उमेश होटल के कमरा नंबर 4 में ठहरा था। 17 अक्टूबर की दोपहर 12:45 बजे होटल में अकेले आए थे। रात में 3000 रुपए होटल के कमरे के लिए जमा कराए थे। 22 अक्टूबर की सुबह सफाईकर्मी कमरा साफ करने के लिए पहुंचा तो गेट नहीं खुला। इसके बाद स्टाफ ने कोतवाली थाने को सूचना दी। पुलिस होटल पहुंचकर कमरे में घुसी तो अंदर लाश पड़ी थी।
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