मुजफ्फरपुर में पंजाब नेशनल बैंक के एक ब्रांच से धोखाधड़ी कर दो लोगों के बैंक अकाउंट्स से 1.29 करोड़ रुपए निकाले के मामले में ईडी ने मंगलवार को छापेमारी की। पटना प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुजफ्फरपुर के चार लोकेशन पर तलाशी अभियान चलाया था। तलाशी के दौरान कई अपराध संकेती सामग्री और दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। बुधवार को ईडी की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी गई कि ईडी ने बिहार पुलिस की ओर से नगर पुलिस स्टेशन, मुजफ्फरपुर में भारतीय दंड संहिता, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज दो एफआईआर के आधार पर जांच शुरु की, जो पीएमएलए, 2002 के तहत अनुसूचित अपराध है। दो अकाउंट्स से धोखाधड़ी कर निकाले गए थे पैसे इस मामले में जांच से एक जटिल बैंकिंग धोखाधड़ी और धन शोधन योजना का खुलासा हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), जवाहरलाल मार्ग शाखा, मुजफ्फरपुर में स्थित दो पीड़ितों के बचत खातों से क्रमशः 1.07 करोड़ रुपए (लगभग) और 22.40 लाख रुपए (लगभग) के साथ कुल 1.29 करोड़ रुपए (लगभग) की धोखाधड़ी से निकासी की गई। सिम कार्ड स्वैपिंग, ऑनलाइन बैंकिंग में हेरफेर कर निकाली थी रकम ये फ्रॉड सिम कार्ड स्वैपिंग और ऑनलाइन बैंकिग में हेरफेर वाले एक सोफिस्टिकेटेड तरीके से किया गया था। पीड़ितों के मोबाइल नंबर, जो बैंक में एसएमएस अलर्ट और ऑनलाइन बैंकिंग ऑथेंटिकेशन के लिए रजिस्टर्ड थे, अपराधियों ने नकली पहचान के दस्तावेजों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी से बदल लिए थे। जिस समय अपराधियों के पास डुप्लीकेट सिम कार्ड का कंट्रोल था, उन्होंने पीएनबी के टोल-फ्री सर्विस नंबर पर मैसेज भेजकर पीड़ितों के खार्तों पर इंटरनेट बैंकिग सर्विस एक्टिव कर दी। फिर उन खातों से बड़ी रकम ट्रांसफर की गई। आखिर में ऐसे फंड का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता के एटीएम से नकद में निकाला गया और फिर सीडीएम से अपराधियों के अलग-अलग बैंक खातों में जमा कर दिया गया। तलाशी के दौरान अपराध संकेती सामग्री व दस्तावेज बरामद करके जब्त किए गए। इसके अलावा अपराधियों के बैंक खातों में मौजूद लगभग 83 लाख रुपए की धनराशि का पता चला और उसे फ्रीज कर दिया गया है।
आगे की जांच चल रही है।
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