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मुजफ्फरपुर में केमिस्ट्री की जगह बैचलर ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री:BRABU प्रशासन पर गंभीर आरोप, छात्र ने कहा- सुधार के लिए पैसे मांगे गए; कंट्रोलर ने प्रिंटिंग मिस्टेक बताया

मुजफ्फरपुर के बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय (BRABU) प्रशासन पर छात्र ने गंभीर लापरवाही और अनियमितता का आरोप लगाया है। आरडीएस कॉलेज के छात्र सुशील कुमार को बैचलर ऑफ इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री की जगह बैचलर ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री मिली है। सुशील कुमार ने सत्र 2015-2018 में बैचलर ऑफ इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री से स्नातक पूरा किया था। उन्होंने राज्य स्तरीय फॉर्म भरने के लिए विश्वविद्यालय में अपनी डिग्री बनवाने के लिए आवेदन दिया था, जिसका रोल नंबर 35831 है। चार महीने तक डिग्री का इंतजार करते रहे। इसके बाद उन्हें डिग्री मिली। यह देखकर चौंक गए कि मूल स्ट्रीम बैचलर ऑफ इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री के बजाय बैचलर ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की डिग्री दे दी गई थी। सुशील कुमार का आरोप है कि जब वे इसे ठीक कराने और अपनी मूल डिग्री पाने के लिए विश्वविद्यालय पहुंचे, तो संबंधित विभाग में उनसे पैसों की मांग की गई। छात्र के अनुसार, अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि बिना अतिरिक्त राशि दिए सुधार संभव नहीं है। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है छात्र सुशील कुमार ने बताया कि वह न सिर्फ इस त्रुटि से हैरान हैं, बल्कि विश्वविद्यालय कर्मियों द्वारा गलत डिग्री थमाए जाने और फिर पैसे की मांग किए जाने से मानसिक रूप से काफी परेशान भी हैं। उन्होंने कहा कि करियर पर सीधा असर पड़ सकता है। सरकारी नौकरियों सहित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में दस्तावेज सत्यापन के समय यह गंभीर समस्या खड़ी कर सकती है। यूनिवर्सिटी से छात्र ने किया निवेदन सुशील ने विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द उनकी सही डिग्री जारी की जाए, ताकि उनके भविष्य पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। छात्र ने यह भी मांग की है कि जिन कर्मियों ने उनसे पैसों की मांग की, उनकी जांच की जाए और कार्रवाई हो। कंट्रोलर ने दिया अजीबो-गरीब बयान इस संबंध में पूछे जाने पर कंट्रोलर रामकुमार सिंह ने कहा कि प्रतिदिन 15 से 20 डिग्री में गलती सामने आती है। सभी को सुधार किया जाता है। यह मानवीय भूल है, प्रिंटिंग मिस्टेक होता है। किसी के पास लेनदेन का कोई ठोस प्रमाण नहीं होता है आरोप तो लगता ही है। कंट्रोलर यह मानने को तैयार नहीं थे कि इस तरह की गलती बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। छात्र नेताओं ने भी खोला मोर्चा राजद छात्र नेता चंदन यादव ने कहा कि डिग्री प्रिंटिंग कमीशन के आधार पर फिक्स किया जाता है। बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है और यूनिवर्सिटी का पैसा लूटा जाता है। लोजपा रामविलास के छात्र नेता गोल्डन सिंह ने कहा कि एक ही कंपनी दिशा इंटरप्राइजेज को यूनिवर्सिटी की डिग्री से लेकर मार्कशीट तक सारी प्रिंटिंग के जवाबदेही मिली है। उसकी मनमानी लगातार बढ़ रही है। अगर इस तरह से लगातार होते रहा तो हम लोग फिर से सड़क पर उतरेंगे।


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