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मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी निलंबित:रिटायरमेंट से एक दिन पहले कार्रवाई, कायाकल्प में वित्तीय अनियमितता

उन्नाव में पशु चिकित्सालयों और पशु सेवा केंद्रों के कायाकल्प में वित्तीय अनियमितता सामने आने के बाद शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) महावीर को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले की गई है, जो 31 अक्तूबर 2025 को होनी थी। जिलाधिकारी की रिपोर्ट के 16वें दिन शासन ने यह सख्त कदम उठाया। यह मामला वित्तीय वर्ष 2024-25 का है, जब जिले के 12 पशु चिकित्सालयों और 2 पशु सेवा केंद्रों के कायाकल्प के लिए 13.80 लाख रुपये का बजट जारी हुआ था। इस बजट से रंगाई-पुताई, मरम्मत और सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाना था। सीवीओ को किसी मान्य फर्म का चयन कर यह काम कराना था, लेकिन जांच में सामने आया कि उन्होंने बिना कार्य कराए ही फर्म को पूरा भुगतान कर दिया। शिकायत शासन तक पहुंचने पर जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। इस टीम में जिला विकास अधिकारी, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के एक्सईएन और कोषाधिकारी शामिल थे। टीम ने जब संबंधित पशु चिकित्सालयों और सेवा केंद्रों का निरीक्षण किया, तो भारी अनियमितताएं उजागर हुईं। जांच में पाया गया कि कई स्थानों पर न तो फर्श की मरम्मत हुई थी और न ही खिड़कियों के शीशे बदले गए थे। अधिकांश भवनों में पुराना रंग-रोगन ज्यों का त्यों था, जबकि भुगतान पूर्ण रूप से किया जा चुका था। रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि कायाकल्प की आड़ में बजट का दुरुपयोग कर सरकारी धन की हेराफेरी की गई। प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश मेश्राम ने गुरुवार को शासनादेश जारी करते हुए सीवीओ महावीर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जानकारी के अनुसार, जिन 12 पशु चिकित्सालयों को एक-एक लाख रुपये का बजट मिला था, उनमें औरास का शाहपुर तोंदा, सुमेरपुर का दौदापुर व सुमेरपुर, पुरवा का ममरेजपुर, मझिगवां सदकू, सिकंदरपुर कर्ण का अचलगंज, सिकंदरपुर सरोसी का रऊकरना, परियर, असोहा का नरसिंहपुर, औरास का देवतारा, हिलौली और नवाबगंज स्थित पशु चिकित्सालय शामिल हैं। वहीं दो पशु सेवा केंद्रों सुमेरपुर के भगवंतनगर और बिछिया के कोरारी कला को 90-90 हजार रुपये का बजट आवंटित किया गया था। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद शासन ने यह माना कि कायाकल्प के नाम पर हुए खर्च में गंभीर अनियमितता हुई है। सीवीओ के निलंबन के बाद विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रशासन ने संकेत दिया है कि जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित फर्म और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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