मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मोतिहारी दौरे के दौरान आशा कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई। केसरिया प्रखंड के राजपुर स्थित हेल्थ एंड वेलफेयर सेंटर के निरीक्षण के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री ने आशा कार्यकर्ताओं से संवाद नहीं किया, जिससे उनकी उम्मीदें अधूरी रह गईं। मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना मिलते ही आशा कार्यकर्ताओं में उत्साह था। उन्होंने लाइन बनाकर उनका स्वागत करने की तैयारी की थी और उम्मीद जताई थी कि मुख्यमंत्री उनसे बातचीत करेंगे। आशा दीदियों को लगा था कि वे अपनी समस्याएं और मानदेय बढ़ोतरी की मांग सीधे मुख्यमंत्री के सामने रख पाएंगी। सभी आशा कर्मियों में निराशा फैल गई हालांकि, मुख्यमंत्री बिना बातचीत किए ही आगे बढ़ गए, जिससे सभी आशा कर्मियों में निराशा फैल गई। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे लंबे समय से स्थायी मानदेय बढ़ाने की मांग कर रही हैं। हाल ही में सरकार द्वारा 2 हजार रुपये की बढ़ोतरी से वे खुश हैं, लेकिन यह उनकी मुख्य मांग का पूरा समाधान नहीं है। मानदेय बढ़ोतरी पर सकारात्मक निर्णय लेने की उम्मीद आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा था कि वे सभी वर्गों का ख्याल रखते हैं और उनसे बातचीत जरूर करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं पर जरूर ध्यान देंगे और मानदेय बढ़ोतरी पर सकारात्मक निर्णय लेंगे। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था का जायजा लिया और अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए। हालांकि, आशा कार्यकर्ताओं की अधूरी उम्मीदों ने कार्यक्रम के बाद उन्हें निराश कर दिया।
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