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मुखिया का अपहरण, लीज पेपर पर कराया साइन:थार से 77 किमी दूर फारबिसगंज ले गए थे अपराधी, दबाव में पीड़ित ने कहा था- मेरी किडनैपिंग नहीं हुई

पूर्णिया में 28 नवंबर को मुखिया का अपहरण हुआ था। 5 अपराधी मुखिया को थार में बैठाकर 77 किमी दूर फारबिसगंज ले गए थे और एक कमरे में बंधक बनाकर रखा था। वहां मुखिया को कहा गया कि घर लौटना है तो हम जो बोलेंगे वैसा ही कहना होगा। अपराधियों के कहने पर मुखिया ने फेसबुक लाइव पर कहा कि ‘मेरा अपहरण नहीं हुआ है। मैं हथियार खरीदने के लिए निकला था।’ इसके बाद एक लीज वाले पेपर पर अंगूठे का निशान अपराधियों ने लिया। इसके बाद मुखिया को अपराधियों ने फारबिसगंज रेलवे स्टेशन छोड़ दिया। वहां मुखिया ट्रेन में बैठे और पुलिस को कॉल किया। पूर्णिया में सबसे पहले मुखिया सदर थाने गए। मुखिया पुलिस की कस्टडी में पूरी रात रहे। पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया। इसके बाद मंगलवार को कोर्ट में मुखिया ने जज के सामने पूरी कहानी बताई। दूध लाने मार्केट निकले थे मुखिया पीड़ित तपेश ठाकुर हैं, जो बड़हरा कोठी प्रखंड के आरोही पंचायत के मुखिया हैं। जो 28 नवंबर को पत्नी को डॉक्टर से दिखवाने के लिए पूर्णिया आएं थे। डॉक्टर से मिलने के बाद वे रामबाग अपने रिश्तेदार के घर गए थे। पत्नी को वहीं छोड़ दिया और खुद दूध लाने के लिए निकले थे। रामबाग में ही अपराधियों ने उन्हें किडनैप कर लिया था और आंख पर पट्‌टी बांध कर फारबिसगंज ले गए थे। मुखिया की पत्नी ने थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। ईंट भट्‌टा संचालक से दुश्मनी मुखिया तपेश ने कहा कि गांव का ईंट भट्टा संचालक मेरी जान लेने पर तुला हुआ है। गांव में जिस जमीन पर ईंट भट्टा है वो जमीन मेरी है। जमीन को मैंने ईंट भट्टा संचालक को लीज पर दिया था। विद्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर ईंट भट्टा होने की वजह से ग्रामीणों और स्कूली बच्चों को इससे परेशानी होने लगी। इसके बाद मैंने ईंट भट्ठा संचालक को ईंट भट्टा बंद कर जमीन खाली करने को कहा था। मगर भट्टा संचालक ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद मैंने लोक शिकायत में आवेदन दिया। इसके बाद से आपसी टकराव चल रहा था। इसी का बदला लेने के लिए मुझे अगवा किया गया था। अपराधियों के दबाव में फेसबुक लाइव पर मुखिया ने और क्या-क्या कहा था ? थाने में दर्ज एफआईआर गलत है फेसबुक पर लाइव पर तपेश कुमार पाठक ने कहा था कि पत्नी और परिजनों को जब आज मैंने फोन किया। तब मुझे मालूम हुआ कि मेरे अपहरण की आशंका जताते हुए थाने में आवेदन दिया गया है और कुछ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है। ये गलत है। मेरा अपहरण किसी ने नहीं किया था। मैं अपनी स्वेच्छा से गायब हुआ था। गायब होने के कारण पूर्णिया पुलिस को बता देता हूं। मुझे हथियार खरीदना था। इसके लिए मैं मुंगेर, जमालपुर, उत्तरी जमालपुर, किशनगंज और भागलपुर कई जगह पर गया। मगर जिससे हथियार की खरीद करनी थी, उससे मुलाकात नहीं हो सकी और मैं हथियार नहीं खरीद सका। सामने आकर अपनी बात रखूंगा तपेश कुमार पाठक ने आगे कहा था कि मेरा फोन डिस्चार्ज था, इसलिए मैं वाइफ का मोबाइल लेकर निकला था। मेरा अपहरण किसी जवाहर पाठक या फिर किसी दूसरे शख्स ने नहीं किया। इनके ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत है। मैं जान बूझकर मोबाइल स्विच ऑफ कर गया था। मैं शनिवार किशनगंज में था। अभी फारबिसगंज में हूं। मुझे जैसे ही मालूम हुआ कि कुछ लोगों पर अपहरण का मुकदमा हो चुका है। मैंने तुरंत जिले के एसपी को कॉल किया। शायद रविवार होने की वजह से वो मेरा फोन नहीं उठा सकीं। लेकिन सोमवार को मैं एसपी कार्यालय जाकर उनसे मिलूंगा और पूरी बात बताऊंगा। पूर्णिया पुलिस को मुझे पकड़ना है तो पकड़े। पत्नी ने 8 के खिलाफ मामला दर्ज कराया था मुखिया की पत्नी ने ईंट भट्टा संचालक समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। परिवार वालों ने बताया था कि तपेश पाठक को जान से मारने की धमकी मिल रही थी। वहीं, सदर थाना की पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पुलिस रिकॉर्ड में तपेश पाठक का आपराधिक रिकॉर्ड सामने आया। बीकोठी थाना में कुछ मामले भी दर्ज हैं।


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