मुंबई: हिंदी में लिखा विज्ञापन भी नहीं हुआ बर्दाश्त, MNS कार्यकर्ताओं ने पोत दी कालिख

मुंबई: हिंदी में लिखा विज्ञापन भी नहीं हुआ बर्दाश्त, MNS कार्यकर्ताओं ने पोत दी कालिख

महाराष्ट्र में एक बार फिर से भाषा का विवाद छिड़ गया है. मुंबई में MNS यानी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कार्यकर्ताओं की तरफ से विरोध जताया गया.ये विरोध मेट्रो स्टेशन पर सिर्फ हिंदी में विज्ञापन को लेकर जताया गया. अंधेरी मेट्रो स्टेशन पर MNS कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और मेट्रो स्टेशन के नाम पर कालिख पोत दी. ये भाषाई विवाद पिछले कुछ समय से किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में रहा है. अब मेट्रो स्टेशन में लिखी हुईं हिंदी को लेकर विरोध किया जा रहा है.

जुलाई के महीने में मुंबई के मीरा रोड में एक 48 साल के मिठाई दुकानदार पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) से जुड़े लोगों ने मराठी न बोलने के कारण उसपर हमला कर दिया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी और उनमें से तीन को नोटिस जारी किया गया था.

सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतरे थे

मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कई कार्यकर्ताओं इस लिए भी हिरासत में लिया था क्योंकि सैकड़ों लोग मराठी ‘अस्मिता’ (गौरव) की रक्षा के लिए एक विरोध मार्च में भाग लेने के लिए जुटे थे. एमएनएस कार्यकर्ताओं ने ये विरोध मार्च उस समय निकाला था जब उनकी तरफ से एक दुकानदार पर हमला किया गया था. दुकानदार ने मराठी भाषा बोलने से इंकार कर दिया था.

इसके अलावा प्राइमरी स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने वाले एक आदेश को लेकर भी विरोध जताया गया. जुलाई 2025 में ही वीरार और पालघर इलाके में एक ऑटो-रिक्शा चालक को मराठी न बोलने की वजह से पिटाई की गई. उसकी पिटाई शिवसेना (UBT) के कार्यकर्ताओं ने की.

इसका वीडियो सामने आया जिसमें रिक्शा चालक ने कहा कि हिंदी या भोजपुरी बोलने उसका हक है. ऐसा कहने पर उसे सड़क पर थप्पड़ मारे गए और सार्वजनिक माफी मंगवाई गई. लोनावाला के महाराष्ट्र बैंक शाखा में एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मैनेजर को मराठी बोलने की मांग की. जब एक मराठी बोलने वाला कर्मचारी हिंदी के इस्तेमाल का बचाव करने लगा तो उसे पीटा गया.

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