मिसाइल, ड्रोन, सेना… अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बीच किसके पास ज्यादा ताकत?
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. पाकिस्तान ने पहले गुरुवार को अफगानिस्तान पर मिसाइल बरसाई. इसी के बाद अब शनिवार की रात को अफगानिस्तान ने भी पाकिस्तान पर अटैक कर दिया है. ड्यूरंड रेखा के पास बहरामपुर जिले में अफगानिस्तान ने हमला किया.
इस हमले में पाकिस्तान के 58 सैनिक मारे गए हैं. वहीं, अफगानिस्तान ने 25 चौकियों पर भी कब्जा कर लिया है. साथ ही उसने 7 सैनिकों को बंधक बना लिया है. जहां दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. वहीं, इसी बीच चलिए जानते हैं कि दोनों देशों में किसके पास कितनी ताकत है.
पाकिस्तान के पास कितनी ताकत?
ग्लोबल फायरपावर (Global Firepower) की 2025 की मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग के अनुसार, पाकिस्तान को दुनिया की 12वीं सबसे ताकतवर सेना के रूप में स्थान दिया गया है.
रक्षा खर्च और सैन्य बल
पाकिस्तान ने 2024 में 10.2 अरब डॉलर (GDP का 2.7%) अपने डिफेंस को मजबूत करने पर खर्च किया है. पाकिस्तान की कुल सैन्य ताकत 1,704,000 कर्मियों की है.
- पाकिस्तान के पास 1 हजार 399 सैन्य विमान हैं.
- पाकिस्तान के पास 1 हजार 839 कॉम्बैट टैंक हैं.
- पाकिस्तान की नौसेना 1,046 किलोमीटर लंबी दक्षिणी तटीय सीमा(अरब सागर) की सुरक्षा करती है. पाकिस्तान के पास 121 नौसैनिक संसाधन (Naval Assets) हैं.
परमाणु हथियार
इंटरनेशनल कैम्पेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स (ICANW) के अनुसार, 2023 में दुनिया ने $91.4 अरब परमाणु हथियारों पर खर्च किए. जिसमें पाकिस्तान ने $1 अरब खर्च किए. पाकिस्तान ने 1998 में भारत के परमाणु परीक्षणों के तुरंत बाद अपने पहले परमाणु परीक्षण किए और आधिकारिक तौर पर परमाणु शक्ति संपन्न देश बन गया.
सीएसआईएस (CSIS) के अनुसार, पाकिस्तान का परमाणु शस्त्रागार मुख्य रूप से मोबाइल शॉर्ट और मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों पर आधारित है. चीन से मिली तकनीकी मदद ने पाकिस्तान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को काफी मजबूत किया है.
हथियारों की खरीद और आपूर्ति
- 2015-19 और 2020-24 के बीच पाकिस्तान के हथियार आयात में 61% की बढ़ोतरी हुई.
- इस दौरान पाकिस्तान ने कॉम्बैट एयरक्राफ्ट और वॉरशिप सहित कई हथियारों की डिलीवरी ली.
- वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक है
- मुख्य सप्लायर: चीन- 2020-24 में पाकिस्तान के 81% हथियार चीन से आए.
अफगानिस्तान की ताकत
ग्लोबल फायरपावर (Global Firepower) की 2025 की मिलिट्री स्ट्रेंथ रैंकिंग में अफगानिस्तान को 118वां स्थान दिया गया है. 145 में से यह 118वें नंबर पर है.
आधुनिक राज्य सेना की कमी
मिलिट्री पावर रैंकिंग (militarypowerrankings) की 2025 की रिपोर्ट के मुताबिक यहां पर अफगानिस्तान की सैन्य ताकत बताई गई है. 2021 में अमेरिका समर्थित अफगान नेशनल आर्मी के पतन के बाद से तालिबान की सेना हल्के हथियारों से लैस है. देश के पास न तो कोई एयरफोर्स, नेवी और न ही कोई आधुनिक तोपखाना कोर (artillery corps) है. युद्ध नीति (military doctrine) अनियमित और बिखरी हुई है.
वर्तमान सैन्य ताकत (2025)
- सक्रिय सैन्य कर्मी- 80 हजार
- अर्धसैनिक बल – 30 हजार
हथियार
- मुख्य टैंक (MBT): 50+ (कब्जा या विरासत में मिले)
- बख़्तरबंद वाहन (AFVs): 300+
- तोपखाना (Artillery): 200+ (मोर्टार समेत)
- लड़ाकू विमान: 40+
- हेलीकॉप्टर: 30+
- ट्रांसपोर्ट विमान: 15+
- A-29 सुपर टुकानो: 10
- Mi-17 हेलीकॉप्टर: 20
- UH-60 ब्लैकहॉक: 10
मिसाइल क्षमता- कोई उन्नत मिसाइल प्रणाली नहीं. तालिबान की सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है. अफगानिस्तान की ताकत पारंपरिक हथियारों में नहीं, बल्कि गुरिल्ला युद्ध, और लंबे समय तक लड़ने की क्षमता में रही है.
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