खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सोमवार को पटना जंक्शन के पास स्थित पुराने दूध मार्केट में छापेमारी कर करीब 500 किलो नकली पनीर जब्त किया। यह पनीर न केवल स्वादहीन था, बल्कि इसे बेहद घातक रसायनों से तैयार किया गया था। फूड इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि जब्त पनीर में दूध नाममात्र भी नहीं था। जांच के दौरान पनीर से दूध की महक नहीं आ रही थी। जब इसका सैंपल टेस्ट किया गया तो यह रबर की तरह खिंच रहा था और जीभ पर चिपक रहा था। उन्होंने बताया कि मिलावटखोरों ने इसे केमिकल, घटिया पाउडर और पाम ऑयल से बनाया था। इसे नए साल पर खपाने की तैयारी थी। कैसे पहचानें… केमिकल, पाउडर और पाम ऑयल से बनाया छापेमारी के दौरान दुकानदारों के बीच अफरातफरी मच गई। कुछ दुकानदारों ने विरोध करने की कोशिश की। इसके बाद कोतवाली थाने की पुलिस को मौके पर बुलाया। कई कारोबारी अपनी दुकानें छोड़कर फरार हो गए। वहीं फूड इंस्पेक्टर ने सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में 6 अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। जांच में पता चला कि दो दुकानदारों के पास ही लाइसेंस था। ऐसे पनीर से लिवर-किडनी को खतरा : वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि नकली पनीर ‘धीमा जहर’ है। इसे बनाने में बेकिंग सोडा, मैदा, डिटर्जेंट, कोलतार डाई और यूरिया जैसे घातक रसायनों का प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से फूड पॉइजनिंग, डायरिया और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक इसके सेवन से लिवर और किडनी के फेल होने का खतरा रहता है। स्टार्च और डिटर्जेंट के कारण स्किन एलर्जी और हार्ट के हेल्थ पर भी असर पड़ता है। कई जिलों में सप्लाई : ब्रांडेड और शुद्ध पनीर की कीमत 350 से 400 रुपए प्रति किलो है, वहीं मिलावटखोर नकली पनीर 180 से 200 रुपए प्रति किलो बेच रहे हैं। इस नकली पनीर का जाल पटना के गुलजारबाग, अगमकुआं (सब्जी मंडी), दिनकर गोलंबर और कंकड़बाग तक फैला हुआ है। नए साल को देखते हुए एक-एक दुकानदार 1000 से 4000 किलो तक के ऑर्डर लिये थे। इसकी सप्लाई बिहार के अन्य जिलों में भी होनी थी।
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