‘पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव चल रहा था। नितिन नबीन को पार्टी ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी। इसी बीच नितिन नबीन की मां मीरा सिन्हा बीमार हो गईं। पार्टी और मां की जिम्मेदारी को निभाने के लिए नितिन रोजाना कोलकाता से शाम 6 बजे के बाद की फ्लाइट लेकर दिल्ली एम्स जाते थे। 9 बजे रात को मां के पास होते थे और रातभर उनके साथ रहने के बाद सुबह 7 बजे की फ्लाइट पकड़कर 9 बजे तक कोलकाता पहुंच जाते थे। दिनभर पार्टी के काम में जुटे रहते थे। ये सिलसिला करीब एक महीने तक चला था।’ ये किस्सा भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन के मामा पेशे से वकील अजय कुमार संतोष ने दैनिक भास्कर से शेयर किया। आखिरकार बंगाल विधानसभा चुनाव के शुरु होने के 2 दिन बाद 29 मार्च 2021 को नितिन नबीन की मां मीरा सिन्हा का निधन हो गया। बंगाल चुनाव 27 मार्च से शुरू होकर 29 अप्रैल 2021 के बीच 8 चरणों में संपन्न हुई थी। अजय कुमार संतोष ने बताया कि चाहे कोई भी जिम्मेदारी मिले नितिन नबीन उसे पूरी ईमानदारी और तत्परता से निभाते हैं। ये पार्टी के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है। भाजपा ने उनके समर्पण को देखा है। इसलिए ये मौका दिया। मामा बोले- बचपन से ही नितिन नबीन शांत स्वभाव के हैं मामा अजय कुमार संतोष ने कहा कि नितिन में नेतृत्व क्षमता बचपन से ही दिखाई देती थी। उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही शांत और संयमी स्वभाव के रहे हैं। आज तक उनका किसी से नोकझोंक या झगड़ा नहीं हुआ। जल्दबाजी में किसी को जवाब देना उनकी आदत नहीं रही है। उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा भी स्वच्छ छवि के राजनेता थे, लेकिन नितिन नवीन उनसे भी आगे निकले हैं। यह उनके माता-पिता और भाजपा के सीनियर नेताओं का आशीर्वाद है। अजय कुमार ने बताया कि नितिन नवीन व्यवहार में आज भी वैसे ही सरल हैं, जैसे पहले थे । यहां आते हैं तो बिल्कुल घर की तरह रहते हैं। कभी उनके स्वभाव में बदलाव नहीं दिखा। बचपन से ही किसी चीज की जिद नहीं करते थे, जो मिल जाए उसी में खुश रहते थे। 10 भांजे-भांजियों में नितिन नबीन 8वें नंबर पर हैं, लेकिन सबके प्रिय रहे हैं। औरंगाबाद आने पर मामी के हाथ का बना मटन खाते हैं मामी डॉ. नीलम रानी ने भी नितिन नबीन के साथ अपने रिश्ते को साझा किया। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले नितिन नबीन और मंत्री संतोष सिंह उनके आवास पर आए थे। हमने पहले से ही उनके आने का समय पूछ लिया था और बिना बताए मटन, चावल और रोटी बना रखा था। जब वे पहुंचे, तो उन्हें अपने हाथ का खाना खिलाया। उन्हें मेरे हाथ का मटन बहुत पसंद है। एक पुरानी घटना को याद करते हुए मामी ने कहा कि जब नितिन नवीन नए-नए विधायक बने थे, तब उन्होंने पटना से फोन कर कहा था कि मामी, मेरे लिए मटन बना कर रखिएगा। मैंने ढेर सारा मटन बना दिया, लेकिन किसी वजह से वे आ नहीं सके। तब मैंने उन्हें डांटते हुए कहा था कि नेता कहीं और होंगे, लेकिन यहां नितिन हैं और नितिन ही रहेंगे। डॉ. नीलम रानी ने बताया कि नितिन नबीन की पत्नी दीपा पढ़ी-लिखी और शालीन स्वभाव की महिला हैं और बैंक में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। इसके बावजूद नितिन नबीन बच्चों के पालन-पोषण के मामले में दीपा का उदाहरण देते हैं। बोलीं- भांजे को अलसी का लड्डू काफी पसंद है, आएंगे तो जरूर खिलाऊंगी मामी ने यह भी बताया कि नितिन नवीन को अलसी का लड्डू बहुत पसंद है। हाल ही में पटना जाने की तैयारी में उन्होंने अलसी का लड्डू बनाया था। अब यह लड्डू मैं खुद पटना जाकर उन्हें खिलाऊंगी। मामा पेशे से वकील, मामी महिला कॉलेज में प्रोफेसर रही हैं नितिन नबीन के अजय कुमार संतोष और मामी डॉक्टर नीलम रानी औरंगाबाद के पुरानी जीटी रोड स्थित धरणीधर मोड़ के पास रहते हैं। मामी डॉक्टर नीलम रानी औरंगाबाद के किशोरी सिन्हा महिला कॉलेज में प्रोफेसर रही हैं। अजय कुमार संतोष ने बतााय कि रविवार शाम से लेकर रात तक नितिन नबीन के मामा के घर बधाई देने वालों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। मेरे भांजे नितिन नबीन के भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने की सूचना के बाद रविवार शाम से देर रात तक करीब 400 फोन कॉल्स आ चुके थे। सभी ने भांजे के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने की बधाई दी। नितिन नबीन के ननिहाल में जश्न, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बांटी मिठाई नितिन नबीन के ननिहाल में नाना के परिवार के सदस्यों, उनके शुभचिंतकों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की। सभी ने इस उपलब्धि को औरंगाबाद जिले के लिए गर्व का क्षण बताया। नितिन नबीन का ननिहाल नवीनगर प्रखंड के रामनगर पंचायत अंतर्गत गम्हरिया गांव में है। उनके नाना नवल किशोर नारायण लाल और नानी आनंदी देवी का निधन हो चुका है। 5 बहन और 2 भाइयों में नितिन नबीन की मां मीरा चौथे स्थान पर थीं। चचेरे नाना ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के जिला महासचिव हैं नितिन नवीन के चचेरे नाना अजय कुमार वर्मा उर्फ गोपाल जी ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस औरंगाबाद के जिला महासचिव हैं। उन्होंने इसे औरंगाबाद के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि जिले की मिट्टी से जुड़े व्यक्ति का राष्ट्रीय राजनीति में इतने ऊंचे पद तक पहुंचना हम सभी के लिए गर्व की बात है।
https://ift.tt/DJadFyp
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply