गोरखपुर में 29 अक्टूबर प्रसिद्ध महामंडलेश्वर यमाई ममता नंदगिरी उर्फ ममता कुलकर्णी आ रही हैं। उनके आगमन की जानकारी महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी उर्फ किरण बाबा ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके दी है। 34 सेकंड के इस वीडियो में ममता नंदगिरी खुद कहती नजर आ रही हैं कि- “मैं 29 अक्टूबर को गोरखपुर आ रही हूं, जहां गोरक्षनाथ जी ने अपनी तपस्या की थी। उसी तपोभूमि में मेरी बहन महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी उर्फ किरण बाबा के आश्रम, पीपीगंज में छठी मैया के भजन और भंडारे के लिए मैं वहां आ रही हूं। आप भी पधारिए, जय मां भवानी।” इस धार्मिक कार्यक्रम में देशभर से साधु-संतों के आने की संभावना है। खास बात यह है कि आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी भी इस आयोजन में शामिल होंगी। इससे पहले 24 अक्टूबर को किरण बाबा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि उनके आश्रम में छठ महापर्व के अवसर पर विशेष भजन संध्या और भंडारा का आयोजन किया जाएगा। इसी कार्यक्रम में महामंडलेश्वर ममता नंदगिरी और अन्य संत उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम पीपीगंज स्थित कनकेश्वरी नंद गिरी आश्रम में होगा, जहां भक्तों के लिए भक्ति संगीत, प्रसाद और धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। दैनिक भास्कर से बात करते हुए किरन बाबा ने बताया कि इस कार्यक्रम में किन्नर पीठाधीश्वर आचार महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री एवं महामंडलेश्वर यमाई ममता नन्दिगिरी (ममता कुलकर्णी) शामिल होंगी। दोनों ही 28 अक्टूबर को गोरखपुर पहुंचेंगी, जहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 29 अक्टूबर को पीपीगंज आश्रम में होने वाले कार्यक्रम की मुख्य अतिथि ममता कुलकर्णी होंगी। इस अवसर पर भजन संध्या और भंडारे का आयोजन किया गया है। किरन बाबा ने बताया कि छठ पूजा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार छठ पंडाल को नया और आकर्षक रूप दिया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं के लिए यह यादगार बन सके। उन्होंने कहा, “मैं पिछले 25 वर्षों से इस आस्था के पर्व पर अपने यजमानों के लिए चार दिनों तक निर्जला व्रत रखती हूं और जमीन पर लेटकर घाट तक जाती हूं। यह व्रत मैं सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के रूप में करती हूं।” जब रिपोर्टर ने महामंडलेश्वर के लाइफ मे आने वाली कठिनाईयों के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि- “हमारे तो कई जीवन होते हैं। इस जन्म में हम किन्नर रूप में जन्मे। यह ईश्वर की इच्छा थी, उसी ने हमें ऐसा रूप देकर भेजा। लेकिन हमने कभी इसे अपनी कमजोरी नहीं माना, बल्कि इसे अपनी शक्ति बना लिया। फिर हमे महामंडलेश्वर बनाया गया। जहाँ हमें सम्मान, श्रद्धा और सब कुछ प्राप्त हुआ। आज हम सनातन धर्म की पताका गर्व से लहरा रहे हैं, धर्म, आस्था और समाज के उत्थान के लिए कार्यरत हैं। यह हमारे जीवन का केवल एक अध्याय नहीं, बल्कि अनेक जन्मों की तपस्या का परिणाम है। हम इस भूमि पर ईश्वर के संदेश और सनातन की दिव्यता को फैलाने आए हैं।” किरन बाबा ने सभी श्रद्धालुओं से इस पावन अवसर पर भजन संध्या और भंडारे में शामिल होने का आग्रह किया।
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