सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद परिजन महीनों तक उसकी पेंशन लेते रहे। न ही कोषागार में उनकी मौत का सर्टिफिकेट दिया और न ही रकम लौटाई। ऐसे तमाम लोगों से पिछले 3 साल में 20 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। सीटीओ ने जानकारी दी
मुख्य कोषागार अधिकारी रीता सचान ने बताया-आगरा में कोषागार विभाग में गलत तरीके से पेंशनर्स के परिजनों द्वारा पेंशनर की मौत के बाद भी पेंशन लेने वालों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि सितंबर 2022 में ऐसे मामलों की जांच कराई गई, जिसमें बड़ी संख्या में गड़बड़ मिली। जिसके बाद अभियान चलाया गया और पेंशनर्स से संपर्क किया गया और उनके जिन्दा होने की जांच शुरू हुई तो पता चला कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग है जो मृत हो चुके है लेकिन विभाग में उनकी मौत की सूचना नहीं दी गई और पेंशन जारी रही। पहली साल 8 करोड़ रुपये की वसूली
उन्होंने बताया कि सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उनकी पेंशन लेने वालों से वित्तीय वर्ष 2022-2023 लगभग 8 करोड़ रुपये की वसली की गई। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 5 करोड़ रुपये की वसूली गई। पिछले 3 वित्तीय वर्ष में इतनी वसूली
पिछले 3 वित्तीय वर्ष का आंकड़ा बताते हुए सीटीओ ने बताया-अब तक करीब 20 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। ऐसे लोगों के खाते फ्रिज कराकर न सिर्फ राजस्व की वसूली की गई बल्कि जो ब्याज बना उसे भी वसूल किया गया।
उन्होंने ये भी बताया कि बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने पैसा खर्च कर दिया। ऐसे लोगों के अनुरोध पर किस्तों में पैसा देने की अनुमति दी गई ताकि पैसा वापस आ सके।
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