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‘मम्मी मैं स्कूल नहीं जाऊंगी–वो बैड टच करते हैं’:दरभंगा में 20 लड़कियों ने छोड़ा स्कूल, घर से भी नहीं निकलीं; छात्राओं के दहशत की कहानी

‘मम्मी मैं स्कूल नहीं जाऊंगी। आज मेरा स्कूल जाने का मन नहीं कर रहा है।’ ये कहकर 14 साल की सपना (काल्पनिक नाम) पिछले एक महीने से स्कूल नहीं जाने का बहाना बना रही थी। सपना के माता-पिता को कुछ समझ नहीं आ रहा था। इसके बाद सपना के पिता ने अपनी पत्नी से कहा, ‘बेटी से बात करो- आखिर क्या मामला है।’ जब सपना की मां ने उससे बात की तो पता चला कि स्कूल कैंपस और आने-जाने के दौरान कुछ मनचले उसे छेड़ते हैं, बैड टच करते हैं। इसके बाद पिता अपने साथियों और गांव के लोगों से बेटी की परेशानी बताई, तब कुछ और लोगों ने भी कहा कि हमारी बेटियों की भी यही शिकायत है। इस चर्चा के बाद मामला खुला कि 20 से अधिक लड़कियां पिछले एक से डेढ़ महीने से स्कूल नहीं जा रही हैं। यहां तक कि वो घर से भी नहीं निकल रही थीं। मामला दरभंगा के सिंहवाड़ा इलाके के भरवाड़ा में राजकीय मध्य विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं से जुड़ा है। छात्राओं से छेड़खानी का क्या मामला है, छात्राओं के माता-पिता और स्कूल के हेडमास्टर का क्या कहना है, पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है। ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम जिला मुख्यालय से 40KM दूर भरवाड़ा के सरकारी मिडिल स्कूल पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… स्कूल की छत और कैंपस में जली हुई तीलियां, सिगरेट के पैकेट, शराब की बोतलें दिखीं जिस स्कूल का मामला बताया जा रहा है, वो शुक्रवार को बंद था। स्कूल में न तो छात्राएं थीं, न ही कोई टीचर। भास्कर रिपोर्टर गांव की ओर बढ़ने से पहले स्कूल के अंदर पहुंचे। यहां देखा स्कूल की छत पर माचिस की जली हुई तीलियां, सिगरेट के खाली पैकेट, शराब की खाली बोतलें, पानी की खाली बोतलें और डिस्पोजल ग्लास बिखरे पड़े थे। दीवारों के कोने पर गुटखा खाकर थूका हुआ था। दीवारें लाल पड़ गई थीं। छात्राओं की शिकायतों के सबूत सामने आने लगे थे। ये इस बात के सबूत थे कि स्कूल में शाम के वक्त शराबियों, मनचलों का जमावड़ा लगता है। ये सारी चीजें देखने के बाद भास्कर रिपोर्टर ने गांव का रुख किया। गांव के अंदर पहुंचते ही ग्रामीण मिले। जब उनसे छात्राओं से छेड़खानी की शिकायत के संबंध में सवाल पूछा तो लोगों ने कहा कि गांव और आसपास के इलाकों के नशेड़ी शाम को स्कूल के अंदर पहुंचकर जमावड़ा लगाते हैं। उन्हें इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि ये स्कूल है, यहां बच्चे पढ़ाई करते हैं, वे अपना भविष्य संवारते हैं। गांव के लोगों ने कहा, ‘शुरुआत में तो हम लोगों ने स्कूल के हेडमास्टर से शिकायत की, फिर जब उनसे नहीं संभला तो हमलोग सिंहवाड़ा थाने पहुंचे और पुलिस को सारी बातें बताई। मामले की गंभीरता को समझते हुए सिंहवाड़ा थाने के SHO वसंत कुमार ने FIR दर्ज की और 7 लोगों को आरोपी बनाया। इसके अलावा, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के निर्देश पर स्कूल के हेडमास्टर मनोज कुमार निधि ने भी थाने में आवेदन देकर मनचलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।’ पेरेंट्स बोले- बेटियां इतनी डर गईं कि स्कूल जाना बंद कर दिया शिकायत करने वाली छात्राओं में से एक के पेरेंट ने कहा, ‘मनचले आसपास के गांव के रहने वाले हैं। शाम होते ही वे स्कूल में पहुंच जाते हैं और नशा करते हैं। कई दिनों तक तो शाम होने की वजह से हम लोगों को इसकी जानकारी नहीं मिली, लेकिन जब अचानक बेटियां सुबह स्कूल जाने से बचने लगी। स्कूल नहीं जाना पड़े, इसको लेकर बहाना बनाने लगी, तो सारी सच्चाई सामने आई।’ छात्रा के पिता ने कहा, ‘जब हम लोगों ने पूछा तो बच्चियों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। फिर हम लोगों ने अपनी पत्नियों और घर की महिलाओं को भरोसे में लिया और कहा कि बेटियां स्कूल क्यों नहीं जा रहीं हैं, ये पता करो। फिर घर की महिलाओं ने जो बताया वो आक्रोश बढ़ाने वाला था।’ छात्राओं ने घर की महिलाओं से बताया, ‘स्कूल से जाते-आते कुछ लड़के हमें छेड़ते हैं। हम लोगों ने काफी बर्दाश्त किया, स्कूल की टीचर को भी बताया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।’ ‘जब बेटियां ही सुरक्षित नहीं रहेंगी, देश के विकास की बात कैसे होगी’ गांव के जफर खान ने कहा कि जब शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल के आसपास इस तरह की घटनाएं होंगी, तो बच्चियां पढ़ाई कैसे कर पाएंगी? जब बेटियां ही सुरक्षित नहीं रहेगी, तो राज्य और देश के विकास की बात कैसे सोची जा सकती है? जफर ने कहा कि, एक तरफ बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी छात्राओं, लड़कियों, महिलाओं से छेड़खानी करने वाले मनचलों पर नकेल कसने की बात करते हैं। लेकिन दरभंगा के इस इलाके की हकीकत कुछ और ही है। छात्राएं लगातार छेड़खानी की शिकार हो रही हैं। गांव के लोगों और पेरेंट्स ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हुए कहा, ऐसे मनचलों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। स्कूल के बाहर पुलिस गश्ती करे और महिला पुलिसकर्मियों की स्थायी तैनाती की जाए, ताकि बच्चियां बेखौफ होकर स्कूल जा-आ सकें और शिक्षा का अधिकार सुरक्षित रह सके। वार्ड पार्षद बोले- डेढ़ महीने से बच्चियां ये सब कुछ बर्दाश्त कर रही थीं वार्ड पार्षद नौशाद खान ने कहा कि, ‘भरवाड़ा मिडिल स्कूल की 13 से 15 साल की बच्चियों के साथ छेड़खानी मामले के लिए स्कूल और थाना प्रशासन जिम्मेदार है। बच्चियां डेढ़ महीने से ये सब कुछ बर्दाश्त कर रही थीं। बच्चियां डर की वजह से मामले की जानकारी अपने माता-पिता को नहीं दे पा रही थीं। कुछ बच्चियों को डर था कि उनके गार्जियन स्कूल जाना बंद करा देंगे, तो कुछ को लग रहा था कि अगर शिकायत की तो आरोपी मनचले उनके साथ और बुरा बरताव करेंगे।’ नौशाद खान ने बताया कि तीन दिन पहले बच्चियों ने हिम्मत कर परिजनों को पूरी बात बताई, जिसके बाद गांव के लोग स्कूल पहुंचे और स्कूल प्रशासन से बात की। इस दौरान मीडिया भी मौके पर मौजूद थी। आरोप है कि इस गंभीर मामले की जानकारी हेडमास्टर को पहले से थी, बावजूद इसके उन्होंने न तो कोई ठोस कार्रवाई की और ना ही पुलिस को सूचित किया। वार्ड पार्षद ने स्कूल प्रशासन और पुलिस पर सवाल खड़े किए वार्ड पार्षद ने कहा कि स्कूल जाने वाली बच्चियों से नशेड़ियों की ओर से छेड़खानी का मामला बेहद शर्मनाक और चिंताजनक है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बच्चियों की सुरक्षा ही सुनिश्चित नहीं है, तो वे पढ़ाई कैसे करेंगी। उन्होंने ये भी बताया कि कुछ महीने पहले स्कूल कैंपस में नल-जल योजना के तहत लगाए गए सभी नल असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिए गए थे। इस मामले की लिखित शिकायत थाना अध्यक्ष को दी गई थी, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। नौशाद खान ने कहा कि यदि बच्चियां स्कूल आकर घर पर यह बात नहीं बतातीं, तो यह अन्याय लगातार चलता रहता। उन्होंने थाना प्रभारी से तत्काल संज्ञान लेते हुए विशेष कार्रवाई की मांग की है। साथ ही स्कूल प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि या तो दोषियों के अभिभावकों को बुलाकर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए थी या पीड़ित बच्चियों के गार्जियन को सूचना दी जानी चाहिए थी, लेकिन दोनों में से कुछ भी नहीं किया गया। गांव के लोगों ने विरोध किया तो हेडमास्टर ने थाने में दिया आवेदन छात्राओं के परिजन की ओर से जब स्कूल में हंगामा किया गया, तो हेडमास्टर मनोज कुमार निधि ने 17 सितंबर को सिंहवाड़ा थाना में आवेदन दिया और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आवेदन में लिखा कि कुछ छात्राओं ने मुझे बताया कि स्कूल आने-जाने के दौरान कुछ मनचले रास्ते में उन्हें छेड़ते हैं, गंदी-गंदी बातें बोलते हैं। स्कूल कैंपस में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता है। जब स्कूल की छुट्टी हो जाती है, स्कूल में उपद्रवी पहुंचते हैं और स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। आवेदन में हेडमास्टर ने बताया कि पहले भी स्कूल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की सूचना थाना को दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हेडमास्टर ने सिंहवाड़ा थाना के SHO से छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, स्कूल कैंपस और आसपास गश्ती बढ़ाने के साथ-साथ असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की। हेडमास्टर की शिकायत पर FIR दर्ज हेडमास्टर की ओर से आवेदन दिए जाने के बाद सिंहवाड़ा थाना में FIR दर्ज की गई। मामले में अनुसंधान का जिम्मा एसआई विजय कुमार को सौंपा गया। थाना में दर्ज प्राथमिकी सिंहवाड़ा थानाध्यक्ष बसंत कुमार के सेल्फ स्टेटमेंट के आधार पर की गई है। जिसमें कहा गया है कि 18 दिसंबर की रात लगभग 22:15 बजे मैं थाना परिसर में था। मुझे सूचना मिली कि सिंहवाड़ा बाजार स्थित एक स्कूल कैंपस में असामाजिक तत्वों की ओर से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। FIR में लिखा गया है कि खराजी टोला स्थित मिडिल स्कूल की छात्राओं, उनके परिजन की ओर से शिकायत मिली। आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई गई। इनमें राजकिशोर साह, इंद्रजीत कुमार, गोलू कुमार, आदित्य कुमार, कुंदन साह, प्रभाकर भंडारी और एक नाबालिग के शामिल होने की जानकारी मिली। सभी मब्बी थाना के रहने वाले हैं, जो अक्सर स्कूल खुलने और स्कूल बंद होने के समय पर आसपास मंडराते रहते हैं। स्कूल आने जाने वाली बच्चियों पर कमेंट कसते हैं, उनका पीछा करते हैं, छेड़खानी करते हैं। मनचलों की इन हरकतों से छात्राओं में डर का माहौल है, हालांकि, जब छात्राओं से बात की कोशिश की गई तो उन्होंने लोक-लाज की वजह से पुलिस से भी बातचीत करने से इनकार कर दिया। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को देखकर भागने लगा नाबालिग बताया गया कि शिकायत के बाद स्कूल के आसपास जांच पड़ताल चल रही थी, इसी दौरान एक लड़का पुलिस को देखकर भागने लगा। उसे दौड़ाकर पकड़ा गया तो उसने अपना नाम बताया और कहा कि वो मब्बी थाना क्षेत्र के शिशो का रहने वाला है। लड़के ने अपनी उम्र 14 साल बताई। विस्तार से पूछताछ पर उसने बताया कि मैं और मेरे दोस्त राजकिशोर शाह, इंद्रजीत कुमार, गोलू कुमार, आदित्य कुमार, कुंदन कुमार, प्रभाकर भंडारी के साथ भड़वारा में मिडिल स्कूल के आसपास घूमते रहते हैं और आने-जाने वाली लड़कियों को छेड़ते हैं। नाबालिग की निशानदेही पर अन्य लड़कों की तलाश की गई, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। पुलिस की ओर से बताया गया कि नाबालिग समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। आखिर में जानिए, छेड़खानी को लेकर बिहार में क्या है नया कानून 15 दिन पहले बिहार सरकार की ओर से कहा गया था कि महिलाओं, बच्चियों के साथ होने वाले अपराध पर काबू के लिए ‘अभया ब्रिगेड’ का गठन होगा। अभया ब्रिगेड हर थाने में होगा। इस टीम में प्रभारी के साथ 3 सिपाहियों की तैनाती होगी, जिसमें 1 महिला और 2 पुरुष सिपाही शामिल रहेंगे। डीजीपी विनय कुमार ने अभया ब्रिगेड को लेकर आदेश जारी किया था।


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